नई दिल्ली : दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजेन्द्र गुप्ता ने कहा कि झुग्गी वालों को पक्का मकान देने के लिए डीडीए ने 32 कैम्पों के लिए 40 हजार मकान बनाने का टेंडर जारी कर दिया है और 160 झुग्गी कैम्पों में पक्का मकान बनान के पहले सर्वे का काम शुरू कर दिया है। विजेन्द्र गुप्ता ने शुक्रवार को प्रदेश भाजपा कार्यालय में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में दिल्ली सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि डीडीए द्वारा धनराशि जमा कराने के बावजूद 10 माह तक केजरीवाल सरकार ने झुग्गी बस्तियों को पक्का मकान देने के लिए सर्वे को रोककर रखा।
वहीं जब डीडीए की ओर से सर्वे के लिए बार-बार दबाव डाला जाने लगा तो केन्द्र सरकार की जमीन पर मुख्यमंत्री आवास योजना के नाम से सर्वे शुरू कर दिया गया। डीडीए ने दिल्ली सरकार को पत्र लिखकर कहा कि दिल्ली सरकार नियमों को ताक पर रखकर सर्वे करा रही है जिसे तुरन्त रोका जाए। गुप्ता ने बताया कि 185 ड्यूसिब के कैम्पों को डीडीए सर्वे के अंदर जोड़ने की मांग करते हुए कहा कि 5,173 झुग्गीवासियों ने बैंक से लोन लेकर 68 हजार प्रति झुग्गी के हिसाब से दिल्ली सरकार को 39 करोड़ 40 लाख रुपए जमा करवाए।
फिर भी दिल्ली सरकार द्वारा उन्हें कोई भी पक्का मकान नहीं दिया गया, जबकि 52,000 फ्लैट दिल्ली सरकार के पास बनकर तैयार हैं और उनकी हालत जर्जर है। इनकी मरम्मत के लिए दिल्ली सरकार ने 600 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं। इन फ्लैटों में 17,000 फ्लैट ड्यूसिब ने बनाए हैं।
फिर भी झुग्गी वालों को कोई मकान नहीं दिया गया है। सोमवार को होने वाली ड्यूसिब की बैठक में भाजपा की ओर से ड्यूसिब के सदस्य पूर्व महापौर आदेश गुप्ता, तुलसी जोशी एवं श्री राजीव कुमार सवाल उठाएंगे कि जिन झुग्गीवालों ने दिल्ली सरकार को लोन लेकर पैसा जमा कराया है तो उन्हें फ्लैट क्यों नहीं दिया गया।