पूर्वी दिल्ली : अक्षरधाम मंदिर के पास कार के अंदर मां और उसकी दो मासूम बेटियों की दर्दनाक मौत के मामले में कई सवालिया निशान खड़े हो गए हैं। महिला के परिजनों ने उसके पति पर ही गंभीर आरोप लगा दिए हैं। दरअसल रंजना के भाई का आरोप है कि उसकी बहन से संबंध ठीक न होने की वजह से उसके जीजा ने ही जानबूझकर कार में आग लगाकर वारदात को अंजाम दिया है। हालांकि पुलिस शुरुआती जांच के बाद शॉर्ट सर्किट को आग का कारण मान रही है।
डीसीपी ईस्ट जसमीत सिंह का कहना है कि उन्हें रंजना के परिजनों से कोई शिकायत नहीं मिली है। वहीं एफएसएल टीम ने सोमवार को कार की जांच कर ली है। रिपोर्ट आने के बाद कार में आग के कारण साफ हो जाएंगे। वहीं सोमवार को पोस्टमार्टम के बाद रंजना और दोनों बेटियों रिद्धी व निक्की के शव परिजनों को सौंप दिए हैं। मामले की छानबीन जारी है।
दर्दनाक हादसा : अक्षरधाम मंदिर के पास चलती कार में लगी आग, मां और दो बेटियां जिंदा जलीं
पुलिस के मुताबिक, एटा, यूपी के रहने वाले उपेंद्र की शादी एटा निवासी रंजना से 2004 में हुई थी। शादी के बाद दोनों लोनी के राम पार्क में रहने लगे। शादी के करीब आठ साल तक दोनों के यहां बच्चा नहीं हुआ। इसके बाद लगातार कुछ सालों के अंतराल पर दोनों के तीन बेटी रिद्धी, सिद्धी और निक्की हुई। शादी के बाद से दोनों के बीच संबंध ठीक नही थे।
रंजना के भाई बृज किशोर का आरोप है कि उसका जीजा तीन बेटियां होने व बेटा न होने पर खुश नहीं था। इसको लेकर ही दोनों के बीच विवाद रहता था। भाई का आरोप है कि साजिश रचकर उपेंद्र ने ही उनकी बहन व दोनों बच्चियों की हत्या की है। वहीं उपेंद्र इन आरोपों से इंकार कर रहा है।
आखिर क्या है माचिस जलाने के इशारे का राज
पिता के साथ सुरक्षित बाहर आई सिद्धि से परिजन कुछ पूछ रहे हैं तो वो माचिस जलाने का इशारा कर रही है। मासूम ठीक से बोल नहीं पा रही है। बृज किशोर ने इसे साजिश बताते हुए जीजा द्वारा कार में जानबूझकर आग लगाने की ओर इशोर करने का आरोप लगाया है। बृज किशोर ने बताया कि सब कुछ ठीक-ठाक था।
21 फरवरी को उसके भाई राहुल की शादी थी। रंजना व उपेंद्र और बच्चे शादी से खुशी-खुशी घर लौटे थे। वहीं उपेंद्र ने पुलिस को बताया कि आग स्टेरिंग के पास लगी थी। उसने तुरंत गाड़ी रोककर सिद्धी को बाहर निकाला, लेकिन बाकी बेटियों और पत्नी को नहीं निकाल पाया।