नई दिल्ली : अदालती इंफ्रास्ट्रक्चर के मामले में दिल्ली देश में नंबर वन पर है। ये मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के प्रयास और विकास उन्मुक्त योजनाओं का नतीजा है। इस बात की जानकारी अगस्त 2019 में विधि सेंटर फॉर लीगल पॉलिसी में प्रकाशित रिपोर्ट में दी गई है। रिपोर्ट में कहा गया है कि दिल्ली एकमात्र ऐसा राज्य है, जिसके पास सुप्रीम कोर्ट से तय एनसीएमएस मानकों के अनुसार अदालत परिसर हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि दिल्ली और चंडीगढ़ में ही एनसीएमएस मानकों को पूरा किए जाने वाले राज्य थे।
विधि सेंटर फॉर लीगल पॉलिसी इन इंडिया, जेएएलडीआई और टाटा ट्रस्ट्स के साथ मिलकर कानूनी नीति के आधार पर सर्वेक्षण किया जिसके तहत देश के 36 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के 665 जिला न्यायालयों के 6650 वादियों का साक्षात्कार किया। नौ मापदंड के आधार पर दिल्ली सभी मापदंडों पर शीर्ष प्रदर्शन करने वालों में से है। दिल्ली स्वच्छता, वेटिंग क्षेत्रों जैसे मापदंडों में नंबर एक पर है। सुरक्षा और वेबसाइट की बात करें तो दिल्ली दूसरे स्थान पर है। बैरियर-फ्री एक्सेस, नेविगेशन, केस डिस्प्ले और सुविधाओं के मामले में तीसरे स्थान पर है।
दिल्ली ने कोर्ट पहुंच, पार्किंग क्षेत्रों, प्रतीक्षा क्षेत्रों के उपकरण और अदालत परिसरों में स्वच्छता के मामले में सौ फीसदी स्कोर हासिल किया है। इस रिपोर्ट से पता चलता है कि नए न्यायालय और आवासीय परिसरों का निर्माण करते समय महत्वपूर्ण हैं कि मौजूदा अदालतों और उनकी सुविधाओं को आधुनिक बनाने पर बहुत जोर दिया जाए। मौजूदा अदालतों के आधुनिकीकरण के लिए रणनीति विकसित करने और बेहतर प्रौद्योगिकी और अन्य बुनियादी ढांचे से लैस करने में मदद करनी चाहिए।
उत्तर-पश्चिम दिल्ली और शाहदरा कोर्ट शीर्ष पर
व्यक्तिगत जिला अदालतों में शीर्ष प्रदर्शन करने वाले पूर्वी दिल्ली, उत्तर-पूर्वी दिल्ली, दक्षिण दिल्ली और दक्षिण-पूर्वी दिल्ली हैं। यह सभी नौ मापदंडों के पार अपने समग्र प्रदर्शन के आधार पर 96 प्रतिशत के स्कोर के साथ हैं। उत्तर-पश्चिम दिल्ली और शाहदरा ने 93 प्रतिशत स्कोर किया। इसके बाद नई दिल्ली में 91 और उत्तरी दिल्ली में 89 प्रतिशत स्कोर किया।
न्यायिक बुनियादी ढांचे के विस्तार को दी प्राथमिकता
2012 में सुप्रीम कोर्ट की ओर से प्रकाशित नेशनल कोर्ट मैनेजमेंट सिस्टम समिति की रिपोर्ट में भारतीय अदालतों के प्रदर्शन के लिए संकेतक दिए गए हैं। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली के सभी निवासियों के लिए त्वरित न्याय प्रदान करने के लिए न्यायिक बुनियादी ढांचे के विस्तार को प्राथमिकता दी है। मुख्यमंत्री ने सरकार के पहले वर्ष में ही कानून विभाग को निर्देश दिया था कि धन की उपलब्धता है।