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दिल्ली : मुख्यमंत्री केजरीवाल ने कहा, कोरोना के 75 प्रतिशत मामले बिना लक्षण या हल्के लक्षण वाले हैं

कांग्रेस नेता अजय माकन ने शनिवार को केजरीवाल सरकार से और पारदर्शिता बरतने के लिए कहा था और दिल्ली भाजपा अध्यक्ष मनोज तिवारी ने मुख्यमंत्री से सच बताने की मांग करते हुए कहा था कि लोगों को इस बीमारी की गंभीरता के बारे में जानने का अधिकार है

दिल्ली में कोरोना वायरस के मरीजों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। इस बीच, रविवार को सूबे के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि शहर में कोविड-19 के 75 प्रतिशत मामले बिना लक्षण के या हल्के लक्षण वाले हैं। सीएम केजरीवाल ने कहा कि शहर में कोविड-19 के 75 प्रतिशत मामले बिना लक्षण या हल्के लक्षण वाले हैं और गंभीर रूप से संक्रमित तथा संक्रमण के कारण मरने वाले लोगों की संख्या कम है। मरने वाले लोगों की संख्या कम करके बताने को लेकर दिल्ली सरकार पर निशाना साधे जाने के एक दिन बाद उन्होंने कहा, ‘‘गंभीर मरीजों की संख्या कम है। कोविड-19 से मरने वाले लोगों की संख्या बहुत कम है।’’ 
कांग्रेस नेता अजय माकन ने शनिवार को केजरीवाल सरकार से और पारदर्शिता बरतने के लिए कहा था और दिल्ली भाजपा अध्यक्ष मनोज तिवारी ने मुख्यमंत्री से सच बताने की मांग करते हुए कहा था कि लोगों को इस बीमारी की गंभीरता के बारे में जानने का अधिकार है। दिल्ली में कोविड-19 के मरीजों का इलाज कर रहे 10 अस्पतालों के अधिकारियों ने कहा था कि विषाणु के कारण मरने वाले लोगों की संख्या दिल्ली सरकार के बुलेटिन में बताई संख्या से कहीं अधिक है। हालांकि,  केजरीवाल ने रविवार को कहा कि इस विषाणु के कारण 73 लोगों की मौत हुई है। उन्होंने कहा कि दिल्ली में कोरोना वायरस के 6,923 मामले सामने आये हैं जिनमें से 2,069 लोग स्वस्थ हो गए हैं जबकि 91 मरीज आईसीयू में और 27 वेंटिलेटर पर हैं। 
केजरीवाल ने कहा कि ऐसा देखा गया कि इस संक्रामक रोग से जान गंवाने वाले 82 प्रतिशत मरीज 50 साल से अधिक की आयु के थे। उन्होंने वरिष्ठ नागरिकों से इस संक्रमण से बचने के लिए एहतियात बरतने का अनुरोध किया। उन्होंने कहा, ‘‘कोविड-19 के 6,923 मरीजों में से केवल 1,476 ही अस्पतालों में भर्ती हैं।’’उन्होंने बताया कि बाकी मरीजों का उनके घरों तथा कोविड-19 देखभाल केंद्रों में इलाज हो रहा है। केजरीवाल ने एक ऑनलाइन संवाददाता सम्मेलन में कहा कि जिन लोगों में लक्षण नहीं हैं या हल्के लक्षण हैं उन्हें अस्पताल में भर्ती करने की जरूरत नहीं हैं तथा उन्हें घर पर ही इलाज मुहैया कराया जा सकता है।
सीएम केजरीवाल ने कहा, ‘‘हमारी टीमें यह पता लगाने के लिए उनके घर का निरीक्षण करती है कि वहां पृथक रहने के नियम का पालन किया जा सकता है या नहीं। हमारी टीमें ऐसे लोगों के साथ नियमित संपर्क में हैं और अगर जरूरत पड़ती है तो संक्रमित लोग या उनके परिवार के सदस्य अधिकारियों से संपर्क कर सकते हैं।’’उन्होंने कहा कि अगर घर पर पृथक रहने के लिए पर्याप्त जगह नहीं है तो सरकार मरीज को कोविड-19 देखभाल केंद्र भेज सकती है जहां वह 14 दिनों तक रह सकता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने राजीव गांधी सुपर स्पेशिलिटी अस्पताल को दो तीन पांच सितारा होटलों से जोड़ा है जहां कोविड-19 से संक्रमित योद्धाओं का इलाज किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘जब मैंने सुना कि विपक्ष हमारे कदम की आलोचना कर रहा है तो मुझे दुख हुआ। मैं आपसे पूछना चाहता हूं कि क्या कोरोना योद्धाओं को बेहतर सुविधा नहीं दी जानी चाहिए।’’आप प्रमुख ने कहा कि यह राजनीति करने का वक्त नहीं है बल्कि इस विषाणु के खिलाफ मिलकर लड़ने का वक्त है।मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने निजी अस्पतालों को एम्बुलेंस मुहैया कराने को कहा है ताकि एंबुलेंस की कमी हो पूरा किया जा सके। 
उन्होंने कहा, ‘‘इसका यह मतलब नहीं है कि ये निजी एम्बुलेंस अपने अस्पतालों को सेवा मुहैया नहीं करा सकती। जब सरकार को निजी एम्बुलेंसों की सेवा की जरूरत होगी तो उन्हें काम करना होगा। मुझे उम्मीद है कि इससे एम्बुलेंस की कमी नहीं होगी।’’ केजरीवाल ने प्रवासी मजदूरों से दिल्ली छोड़कर न जाने की भी अपील की। उन्होंने कहा, ‘‘अगर कोई जाना चाहता है तो सरकार इसकी व्यवस्था करेगी लेकिन खुद से न जाएं। हमने हाल ही में दो ट्रेनों को मध्यप्रदेश और बिहार भेजा है।’’

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