दिल्ली में कोरोना वायरस के मरीजों की संख्या में तेजी से इजाफा हो रहा है। इस बीच, दिल्ली सरकार ने “मृत्यु के मामलों की जानकारी देने में देरी” पर एम्स और एलएनजेपी अस्पतालों समेत राष्ट्रीय राजधानी में चार प्रमुख अस्पतालों को कारण बताओं नोटिस जारी किया है। अधिकारियों ने रविवार को यह जानकारी दी।
एलएनजेपी अस्पताल जहां दिल्ली सरकार के तहत आने वाला समर्पित कोविड-19 केंद्र है जबकि तीन अन्य अस्पताल केंद्र सरकार के तहत आते हैं। स्वास्थ्य विभाग ने एक बयान में कहा, “एम्स, एलएनजेपी अस्पताल, आरएमएल अस्पताल और सफदरजंग अस्पताल को कारण बताओ नोटिस जारी कर यह बताने को कहा गया है कि मृत्यु के मामलों की जानकारी देने में विलंब और दिल्ली सरकार व आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत डीडीएमए द्वारा दिये गए निर्देशों के उल्लंघन के पीछे क्या कारण थे?”
इसमें कहा गया कि इसके अलावा बाबा साहेब आंबेडकर अस्पताल, गुरु तेग बहादुर अस्पताल और राजीव गांधी सुपर स्पेशियेलिटी अस्पताल को भी मेमो जारी कर “मौत के मामलों की जानकारी देने में हुई देरी और स्वास्थ्य विभाग एवं अन्य प्राधिकारों द्वारा जारी निर्देशों के उल्लंघन” पर जवाब देने को कहा गया है। बयान में कहा गया कि एलएनजेपी अस्पताल को परामर्श जारी कर “भविष्य में सजग रहने” और विभाग द्वारा जारी आदेशों व दिशानिर्देशों का समुचित पालन करने को कहा गया है जिससे सरकार द्वारा बताए जाने वाले मृत्यु के आंकड़े में “कोई विसंगति” न रहे। हाल में कोविड-19 के कारण होने वाली मौत के समुचित आंकड़े नहीं देने की वजह से दिल्ली सरकार को आलोचनाओं का सामना करना पड़ा था, जिसके बाद सरकार ने इस संदर्भ में अस्पतालों के लिये एक मानक संचालन प्रक्रिया जारी की थी।
इस बीच, राजधानी दिल्ली में कोरोना वायरस से पिछले तीन दिन से लगातार एक हजार से ऊपर मामले आ रहे हैं। इसी बीच दिल्ली में शनिवार को पिछले 24 घंटों में कोरोना के सर्वाधिक 1163 मामले सामने आने से संक्रमितों का आंकड़ा 18 हजार को पार कर गया तथा इस दौरान 18 मरीजों की मौत से मृतकों की संख्या बढ़कर 416 पर पहुंच गई।
स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से शनिवार शाम जारी आंकड़ों के अनुसार पिछले 24 घंटों में वायरस के 1163 मामले आए और कुल संख्या 18549 पर पहुंच गई। उन्होंने कहा कि दिल्ली में वायरस से 8075 लोग स्वस्थ हो चुके हैं। फिलहाल 10058 मामले सक्रिय हैं। शुक्रवार को संक्रमण के 1106 मामले आए थे।