कोविड-19 के मद्देनजर तीसरी लहर से निपटने की तैयारी तेज करते हुए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मंगलवार को राष्ट्रीय राजधानी में ऑक्सीजन उत्पादन संयंत्र और भंडारण सुविधाओं को स्थापित करने के लिए निजी क्षेत्र को प्रोत्साहन प्रदान करने की नीति को मंजूरी दी।
केजरीवाल ने ट्वीट किया कि चिकित्सकीय ऑक्सीजन के उत्पादन को बढ़ावा देने की नीति को मंजूरी दी गई। इस नीति से निजी क्षेत्र को ऑक्सीजन उत्पादन संयंत्र स्थापित करने, ऑक्सीजन टैंकरों में निवेश करने और ऑक्सीजन भंडारण सुविधाओं की स्थापना के लिए प्रोत्साहन मिलेगा। इससे दिल्ली में ऑक्सीजन की उपलब्धता में सुधार करने में मदद मिलेगी, जो कोविड-19 की अंतिम लहर से निपटने में एक बड़ी बाधा बन गई थी।
Approved Medical Oxy Prodn Promotion Policy. It provides several incentives to pvt sector to set up oxy prodn plants, invest in Oxy tankers n set up oxy storage facilities. This will help improving oxy availability in Del which became a huge bottleneck in handling last Covid wave
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) August 3, 2021
ऑक्सीजन की भरी कमी से मरीजों की गई जान
दिल्ली के कई अस्पतालों में अप्रैल और मई में ऑक्सीजन की भीषण किल्लत हो गई थी और कई अस्पतालों ने प्राधिकारों से ऑक्सीजन आपूर्ति के लिए मदद की गुहार लगाई थी। ऑक्सीजन की किल्लत के कारण उत्तर-पश्चिम दिल्ली के जयपुर गोल्डन अस्पताल में 23 अप्रैल को कोविड-19 के 21 मरीजों की मौत हो गई थी। तुगलकाबाद इंस्टीट्यूशनल इलाके में बत्रा अस्पताल में एक मई को आठ मरीजों की मौत हो गई थी।
ऑक्सीजन संयंत्र और अस्पताल के बेड बढ़ाने की प्रक्रिया
फिर से चिकित्सकीय ऑक्सीजन की दिक्कत ना हो इसके लिए, दिल्ली सरकार तीसरी लहर के दौरान एक दिन में 37,000 मामलों के हिसाब से ऑक्सीजन उत्पादन संयंत्र और अस्पताल के बेड बढ़ाने की प्रक्रिया में है। अधिकारियों के अनुसार दिल्ली के विभिन्न सरकारी और निजी अस्पतालों में 148.11 मीट्रिक टन की कुल क्षमता वाले लगभग 10 पीएसए ऑक्सीजन उत्पादन संयंत्र स्थापित किए जा रहे हैं। दिल्ली सरकार तरल चिकित्सकीय ऑक्सीजन (एलएमओ) के भंडारण केंद्र भी बना रही है और 225 टन की कुल वहन क्षमता वाले 15 क्रायोजेनिक टैंकरों की खरीद के लिए एक निविदा जारी की है।