दिल्ली सीबीएसई बोर्ड परीक्षाऐं शुरू होने वाली हैं जिन्हें लेकर न केवल बारहवीं कक्षा के छात्र बल्कि उनको पढ़ाने वाले अध्यापक भी सचेत है। ऐसे में सीबीएसई की जरा सी लापरवाही भी विद्यार्थियों के लिए मुश्किलें खड़ी कर सकती हैं। इसी को लेकर रविंद्र नाथ दूबे (जो बीते 26 सालों से अकाउंटेंसी पढ़ा रहे हैं) ने 3 मार्च को होने वाली एकाउंट्स की परीक्षा के बारे में बात करते हुए कोर्ट में याचिका दायर की।
इस याचिका में उन्होंने कोर्ट से तत्काल आठ मौलिक व अवधारणात्मक उत्तरों को सीबीएसई की वेबसाइट से हटाने का निर्देश देने की मांग की। दूबे ने कहा, अगर छात्र इन गलत उत्तरों को बोर्ड परीक्षा में लिखते हैं तो परीक्षक छात्रों के 7 से 8 अंक लिए जाएंगे। लेकिन इस पर विचार करते हुए दिल्ली हाई कोर्ट ने मंगलवार को केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) के कक्षा 12वीं के अकाउंटेंसी के सैंपल प्रश्नपत्रों में गलतियों के सुधार की मांग वाली याचिका को खारिज कर दिया साथ ही याचिकाकर्ता पर 25 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया।
न्यायमूर्ति डी.एन.पटेल व न्यायमूर्ति सी.हरिशंकर ने याचिका को ‘तुच्छ’ बताया और इसे ख़ारिज कर दिया। पीठ ने कहा, आप परीक्षा प्रश्नपत्र की नहीं, बल्कि सैंपल पेपर की बात कर रहे हैं। मॉडल पेपर्स छात्रों की प्रैक्टिस के लिए होते हैं। जब याचिकाकर्ता ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि वह साक्ष्य के साथ आया है तो कोर्ट ने उन पर जुर्माना बढ़ाया भी जा सकता हैं, लेकिन वह ऐसा नहीं करना चाहते।