दिल्ली हाई कोर्ट ने आम आदमी पार्टी के पूर्व पार्षद और दिल्ली हिंसा के आरोपी ताहिर हुसैन के सहयोगी इरशाद अहमद को जमानत दे दी है। हाई कोर्ट ने कहा कि इसमें कोई संदेह नहीं है कि इस मामले में आरोपी इरशाद के खिलाफ पुलिस के पास सीसीटीवी फुटेज, तस्वीर या कोई अन्य साक्ष्य नहीं है।
इरशाद के खिलाफ महज 2 पुलिस कर्मियों के बयान हैं जो कि खुद घटना के चश्मदीद गवाह होने का दावा करते हैं और उन्होंने इरशाद व अन्य आरोपियों की पहचान भी की है, लेकिन दोनों पुलिस वालों ने इस मामले में घटना के दिन किसी तरह की कोई शिकायत नहीं की और 28 फरवरी को यह मुकदमा दर्ज किया गया। इस कारन सबूतों के आभाव को मद्देनज़र रखते हुए हाई कोर्ट ने इरशाद को जमानत दें दी।
हाईकोर्ट ने आरोपी इरशाद को 25 हजार रुपये के निजी मुचलके और इतने के ही जमानती जमा करने की शर्त पर जमानत दी है। इसके साथ ही हाईकोर्ट ने आरोपी को किसी तरह से साक्ष्यों व गवाहों को प्रभावित नहीं करने का आदेश दिया है। बता दें कि नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) और एनआरसी के विरोध को लेकर उत्तर-पूर्वी दिल्ली में भड़की हिंसा में 53 लोगों की मौत हो गई थी और 200 से अधिक लोग घायल हुए थे। इस मामले में दिल्ली पुलिस ने करीब 750 से अधिक मुकदमे दर्ज किए हैं और करीब 2000 लोगों को गिरफ्तार किया था।