दिल्ली हाई कोर्ट ने मंगलवार को जामिया समन्वय समिति की सदस्य सफुरा जरगर को जमानत दे दी। कोर्ट ने 10 हजार के मुचलके पर जमानत को मंजूरी दी है। सफुरा को दिल्ली हिंसा को भड़काने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। उन पर यूएपीए कानून के तहत कार्रवाई की गई थी।
दिल्ली पुलिस के तरफ से कोर्ट में पेश हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने मानवीयता के आधार पर सफुरा की जमानत का विरोध नहीं किया। सॉलीसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि राज्य को सफूरा को जमानत पर रिहा किए जाने से कोई समस्या नहीं है। बशर्ते वह उन गतिविधियों में लिप्त न हो, जिनके लिए उन्हें प्रेरित किया जा रहा है।
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न्यायमूर्ति राजीव शकधर ने वीडियो कांफ्रेंस के जरिए सुनवाई करते हुए 23 हफ्ते से गर्भवती सफूरा को 10 हजार रुपये के निजी मुचलके और इतनी ही राशि की जमानत पेश करने पर रिहा करने का आदेश दिया। कोर्ट ने कहा कि सफुरा मामले से जुड़ी किसी भी गतिविधि में शामिल नहीं होंगी और न ही जांच या गवाहों को प्रभावित करने की कोशिश करेंगी।