दिल्ली हाई कोर्ट ने राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में स्पा के संचालन पर रोक लगाने के फैसले पर दिल्ली सरकार से शुक्रवार को फिर से विचार करने के लिए कहा। अदालत ने कहा कि अगर सैलून का कामकाज हो सकता है तो स्पा का संचालन क्यों नहीं हो सकता। स्पा संचालकों की याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति नवीन चावला ने दिल्ली सरकार से यह सवाल पूछे। स्पा मालिकों ने दलील दी कि अगर सैलून को अनुमति दी जा सकती है तो उन्हें भी संचालन की अनुमति मिलनी चाहिए।
याचिका पर सुनवाई करते हुए अदालत ने दिल्ली सरकार को स्पा के संचालन के संबंध में फिर से फैसला करने और एक सप्ताह के भीतर हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया। अदालत अब मामले पर 16 दिसंबर को अगली सुनवाई करेगी। हाई कोर्ट स्पा चलाने वाले कुछ लोगों की 2 याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी। लॉकडाउन लागू होने के बाद से दिल्ली में स्पा बंद है।
सुनवाई के दौरान स्पा संचालकों ने दलील दी कि केंद्र द्वारा जारी दिशा-निर्देशों में सामाजिक दूरी बनाए रखने और कोविड-19 संबंधी अन्य नियमों का पालन सुनिश्चित करते हुए स्पा के संचालन की अनुमति दी गई थी। हालांकि, दिल्ली सरकार ने स्पा के संचालन की अनुमति नहीं दी जबकि सैलून, रेस्तरां और अन्य कारोबारों को खोलने की अनुमति दे दी गई। केंद्र सरकार ने भी यह स्पष्ट किया था कि उसके दिशा-निर्देश के तहत जिन गतिविधियों पर प्रतिबंध नहीं लगाया है उनका संचालन निषिद्ध क्षेत्रों के बाहर किया जा सकता है।
दिल्ली सरकार ने दावा किया है कि शहर में कोविड-19 के बढ़ते मामलों के कारण उसने स्पा को खोलने की अनुमति नहीं दी है। दिल्ली सरकार ने अदालत से कहा कि स्पा के संचालन पर प्रतिबंधों से छूट देने से उपराज्यपाल ने भी मना कर दिया। स्पा संचालकों ने कहा कि सैलून में भी 6 फुट की दूरी के नियमों का पालन नहीं हो पाता है फिर उन्हें कैसे अनुमति दे दी गई।