दिल्ली हाई कोर्ट ने जहांगीरपुरी में अतिक्रमण रोधी अभियान के खिलाफ दायर याचिकाओं पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया। वहीं इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने एनडीएमसी के अतिक्रमण विरोधी अभियान पर रोक लगा दी। सुप्रीम कोर्ट ने मामले पर यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया।
बुलडोजर की कार्रवाई के खिलाफ SC में 2 याचिकाएं
अतिक्रमण रोधी अभियान के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में दो याचिकाएं दाखिल की गई हैं। पहली याचिका यूपी, एमपी समेत देश के अन्य हिस्सों में बुलडोजर की कार्रवाई के खिलाफ दायर की गई है। वहीं, दूसरी याचिका दिल्ली के जहांगीरपुरी में एमसीडी की कार्रवाई के खिलाफ दायर की गई है। इस मामले में अब गुरुवार यानी कल सुनवाई की जाएगी।
अतिक्रमण विरोधी अभियान पर SC के फैसले से पहले बदला जहांगीरपुरी का मंजर
जहांगीरपुरी इलाके में हिंसा फैलाने वाले उपद्रवियों की अवैध संपत्तियों पर उत्तरी दिल्ली नगर निगम ने 20 और 21 अप्रैल को बुलडोजर चलाने का एलान किया था। कार्रवाई के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का आदेश आने से पहले जहांगीरपुरी का मंजर मलबे में तब्दील हो चुका था। NDMC की यह कार्रवाई दो दिन तक चलने वाली थी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट के आदेश के चलते इसे पहले दिन ही रोक दिया गया।
NDMC ने की थी 400 जवानों की मांग
उत्तरी नगर निगम में दिल्ली पुलिस के अधिकारी को पत्र लिखकर कर 400 जवानों की मांग की थी ताकि आरोपियों के अवैध निर्माण को ध्वस्त करते समय हालत न बिगड़े। इससे पहले बीजेपी ने भी हिंसा के आरोपियों के अवैध निर्माण पर बुलडोजर चलाने की मांग की थी। बता दें कि उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और गुजरात में इस तरह की कार्रवाई की गई थी।
गौरतलब है कि उत्तर-पश्चिमी दिल्ली के जहांगीरपुरी में शनिवार को हनुमान जयंती के जुलूस के दौरान दो समुदायों के बीच पथराव, आगजनी और गोलीबारी की घटनाएं हुई थीं। हिंसा में आठ पुलिसकर्मियों के अलावा एक स्थानीय नागरिक घायल हो गया था।