दिल्ली हाई कोर्ट ने कोरोना महामारी के चलते संयुक्त विधि प्रवेश परीक्षा (CLAT), 2020 परीक्षा केन्द्रों के बजाय घरों से कराने की याचिका मंगलवार को खारिज कर दी। कोर्ट ने कहा कि ऐसा करने से परीक्षा में गड़बड़ी होने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता।
कोर्ट ने कहा कि 7800 परीक्षार्थियों के लिये उचित प्रौद्योगिकी, इंटरनेट कनेक्शन, लैपटॉप या डेस्कटॉप कम्प्यूटर उपलब्ध होने पर संदेह है, लिहाजा घर से परीक्षा कराने की याचिका को स्वीकार नहीं किया जा सकता।
क्लैट-2020 परीक्षा पहले 22 अगस्त को होनी थी। अब यह परीक्षा 28 सितंबर को आयोजित की जाएगी। न्यायमूर्ति जयंत नाथ ने कहा कि यह स्पष्ट किया जाता है कि याचिकाकर्ताओं की याचिका सही नहीं है। इसके आधार पर न तो परीक्षा स्थगित की जा सकती है और न ही परीक्षा कराने का तरीका बदला जा सकता है।
न्यायमूर्ति ने कहा, ”याचिकाकर्ता (वी गोविंद रामानन) ने 2016 में एलएलबी की पढ़ाई पूरी की। चार साल के अंतराल के बाद अब वह कानून में स्नातकोत्तर की पढ़ाई के लिये परीक्षा देना चाहते हैं।
उन्होंने परीक्षा देने के लिये चार साल का इंतजार किया। इस याचिका का कोई आधार नहीं है। इसे खारिज किया जाता है।” कोर्ट ने 10 सितंबर को आदेश पारित किया था। बुधवार को इसे कोर्ट की वेबसाइट पर उपलब्ध कराया गया।