दिल्ली HC में 'PM केयर्स फंड' को सार्वजनिक प्राधिकार घोषित करने वाली याचिकाओं पर 18 नवंबर को होगी सुनवाई - Latest News In Hindi, Breaking News In Hindi, ताजा ख़बरें, Daily News In Hindi

लोकसभा चुनाव 2024

पहला चरण - 19 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

102 सीट

दूसरा चरण - 26 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

89 सीट

तीसरा चरण - 7 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

94 सीट

चौथा चरण - 13 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

96 सीट

पांचवां चरण - 20 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

49 सीट

छठा चरण - 25 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

सातवां चरण - 1 जून

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

दूसरा चरण - 26 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

89 सीट

दिल्ली HC में ‘PM केयर्स फंड’ को सार्वजनिक प्राधिकार घोषित करने वाली याचिकाओं पर 18 नवंबर को होगी सुनवाई

दिल्ली हाई कोर्ट ने प्रधानमंत्री नागरिक सहायता और राहत कोष (पीएम केयर्स फंड) को ‘सार्वजनिक प्राधिकार’ घोषित करने के लिए याचिकाओं पर सुनवाई की तारीख 18 नवंबर कर दी।

दिल्ली हाई कोर्ट ने प्रधानमंत्री नागरिक सहायता और राहत कोष (पीएम केयर्स फंड) को संविधान के तहत ‘राज्य’ और सूचना का अधिकार अधिनियम के तहत ‘सार्वजनिक प्राधिकार’ घोषित करने के लिए याचिकाओं पर सुनवाई की तारीख शुक्रवार को 30 नवंबर की बजाये 18 नवंबर कर दी। 
मुख्य न्यायाधीश डी एन पटेल और न्यायमूर्ति ज्योति सिंह की पीठ ने विषय में सुनवाई की तारीख नजदीक करने का याचिकाकर्ता का आग्रह स्वीकार कर लिय और इसे 30 नवंबर से बदल कर 18 नवंबर कर दिया।पीठ ने कहा, ‘‘मामले के तथ्यों पर गौर करते हुए रिट याचिका 30 नवंबर के लिए रखी गई थी, जिसे अब पहले कर दिया गया है और रजिस्ट्री को अब इसे 18 नवंबर के लिए सूचीबद्ध करने का निर्देश दिया जाता है।’’ 
याचिकाकर्ता सम्यक गंगवाल का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता श्याम दीवान के आग्रह पर अदालत ने कहा कि वह तारीख को कुछ पहले कर रही है। याचिकाकर्ता ने दो याचिकाएं दायर कर पीएम केयर्स फंड को संविधान के तहत ‘राज्य’ घोषित करने के लिए निर्देश देने का अनुरोध किया है, ताकि इसमें पारदर्शिता सुनिश्चित हो। साथ ही इसे आरटीआई अधिनियम के तहत ‘सार्वजनिक प्राधिकार’ घोषित करने का अनुरोध किया है। 
दोनों याचिकाओं पर एक साथ सुनवाई की जा रही है। याचिकाकर्ता ने कहा है कि पीएम केयर्स फंड ‘राज्य’ है क्योंकि कोविड-19 महामारी के दौरान जन स्वास्थ्य आपात स्थिति के मद्देनजर भारत के नागरिकों को सहायता मुहैया करने के लिए इसका गठन प्रधानमंत्री ने 27 मार्च 2020 को किया था।
उनके वकील ने अदालत से कहा कि यदि यह पाया जाता है कि पीएम केयर्स फंड संविधान के तहत ‘राज्य’ नहीं है, तब सरकार शब्द का उपयोग व प्रधानमंत्री की तस्वीर, राष्ट्रीय प्रतीक चिह्न आदि का इस्तेमाल बंद करना होगा। इससे पहले, प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) में अवर सचिव द्वारा अदालत में दाखिल हलफनामे में कहा गया था कि पीएम केयर्स फंड सरकारी कोष नहीं है क्योंकि इसमें आने वाला चंदा भारत की संचित निधि में नहीं जाता है। 
उनके इस रुख का विरोध करते हुए याचिकाकर्ता के वकील ने कहा था कि यह प्रदर्शित करने वाला कोई कारक नहीं है कि कोष निजी प्रकृति का है। याचिका के जरिए केंद्रीय जन सूचना अधिकारी(सीपीआईओ), पीएमओ के दो जून 2020 के आदेश को चुनौती दी गई है। दरअसल, पीएमओ के उक्त आदेश में उनके द्वारा मांगे गये दस्तावेज उपलब्ध कराने से इनकार करते हुए यह आधार बताया गया था कि पीएम केयर्स फंड आरटीआई अधिनियम के तहत सार्वजनिक प्राधिकार नहीं है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

twenty + three =

पंजाब केसरी एक हिंदी भाषा का समाचार पत्र है जो भारत में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के कई केंद्रों से प्रकाशित होता है।