दिल्ली हाई कोर्ट ने बृहस्पतिवार को केंद्र से कहा कि वह प्रवासी भारतीयों (एनआरआई) के कल्याण के लिए आयोग गठित करने संबंधी प्रतिवेदन पर “जितना जल्दी संभव हो और व्यावहारिक बनाने वाला” फैसला करे। मुख्य न्यायाधीश डी एन पटेल और न्यायमूर्ति जसमीत सिंह की पीठ ने केंद्र सरकार से उसे आठ दिसंबर, 2020 को एक एनआरआई याचिकाकर्ता द्वारा भेजे गए प्रतिवेदन पर “कानून, नियम और मामले के तथ्यों पर लागू हो सकने वाली नीति के अनुरूप जल्द से जल्द तथा व्यावहारिक बना सकने वाले” फैसला करे।
इस अवलोकन के साथ अदालत ने याचिका का निस्तारण किया जिसमें प्रवासी भारतीयों (एनआरआई) के लिए राष्ट्रीय स्तर पर एक आयोग गठित करने का अनुरोध किया गया था। ओमान में 2007 से काम कर रहे, एनआरआई अनीसुर रहमान ने याचिका में दावा किया था कि आयोग के गठन के लिए केंद्र सरकार को दिए गए उसके प्रतिवेदन पर अब तक कोई फैसला नहीं लिया गया है।
अधिवक्ता जोस अब्राहम के जरिए दायर याचिका में कहा गया कि “राष्ट्रीय स्तर के आयोग से एनआरआई संबंधित सभी कल्याण योजनाओं को व्यवस्थित करने में मदद करेगा’’ और प्रवासियों के हितों को अधिक प्रभावी तरीके से सुरक्षित रखने में मदद करेगा।