नेगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट्स एक्ट (एनआई अधिनियम) के तहत चेक बाउंस के मामलों की सुनवाई पांच रिटायर्ड जज करेंगे। दिल्ली हाई कोर्ट ने विशेष अदालतों के पीठासीन अधिकारी के तौर पर इन रिटायर्ड जजों की नियुक्ति की है। हाई कोर्ट द्वारा मंगलवार को जारी प्रशासनिक आदेश के मुताबिक यह नियुक्ति इस साल 19 मई को सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए निर्देशों के तहत की गई है।
कोर्ट ने जिन सेवानिवृत्त न्यायाधीशों की नियुक्ति एनआई अधिनियम के तहत गठित विशेष अदालतों के पीठासीन अधिकारी के तौर पर की है उनमें राकेश सिद्धार्थ, सी के चतुर्वेदी, सतिंदर कुमार गौतम, चंद्र बोस और राम भगत सिंह शामिल हैं। आदेश के मुताबिक, यह नियुक्ति एक सितंबर से प्रभावी होगी।
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इन पांच अधिकारियों को दक्षिण, दक्षिण-पूर्व, दक्षिण -पश्चिम, मध्य और नयी दिल्ली जिलों के न्यायाधिकार क्षेत्र की सुनवाई अदालतों में नियुक्त किया जाएगा। कार्यालय आदेश में कहा गया, ‘‘संबंधित प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश नेगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट एक्ट-1881 की धारा- 138 के तहत इस कोर्ट (हाई कोर्ट) द्वारा पूर्व में जारी निर्देश और 19 मई को सुप्रीम कोर्ट द्वारा वर्ष, 2020 में लिए गए स्वत: संज्ञान रिट (आपराधिक) संख्या-2 में जारी निर्देश के तहत लंबित मामलों को मौजूदा अदालतों से एनआई अधिनियम के तहत गठित विशेष अदालतों में स्थानांतरित करेंगे।’’
सुप्रीम कोर्ट का निर्देश एनआई अधिनियम 1881 की धारा 138 के तहत तेजी सुनवाई से संबंधित था। सुप्रीम कोर्ट ने 19 मई को महाराष्ट्र, दिल्ली, गुजरात, उत्तर प्रदेश और राजस्थान में चेक बाउंस के मामलों की तेजी से सुनवाई के लिए सेवानिवृत्त न्यायाधीशों के साथ विशेष अदालतें गठित करने का निर्देश दिया था।