मशहूर चैट मैसेजिंग ऐप व्हाट्सएप अपनी नीतिओं को लेकर केंद्र सरकार के घेरे में है, क्योंकि वह आम जन की निजता के साथ खुले -आम खिलवाड़ कर रहा है। व्हाट्स्एप की इन नीतिओं के खिलाफ दिल्ली उच्च न्यायालय में सोमवार को एक याचिका दायर की गई। इसमें व्हाट्सएप द्वारा प्रायवेसी नीतिओं के सुधार करने के संबंध में रोक लगाने के लिए निर्देश देने की मांग करने वाली याचिका में केंद्र सरकार को इस संबंध में स्टेटस रिपोर्ट जमा करने के लिेए अतिरिक्त वक्त मुहैया कराया है।
बता दें कि व्हाट्सएप ने अपने उपयोगकर्ताओं से कहा था कि या तो वे अपना डेटा फेसबुक के साथ शेयर करने की सहमति दें वरना 8 फरवरी के बाद उनका अकाउंट बंद हो जाएगा। हालांकि, भारी विरोध के बाद व्हाट्सअप ने इस नीति को 15 मई तक के लिए टाल दिया था। अधिवक्ता चैतन्य रोहिला द्वारा दायर की गई याचिका में दावा किया गया है कि नई नीति संविधान के तहत निजता के अधिकार का उल्लंघन करती है और किसी भी सरकारी निरीक्षण के बिना किसी व्यक्ति की ऑनलाइन गतिविधि को जानने की मंजूरी देती है।
इस मामले की सुनवाई के दौरान जस्टिस संजीव सचदेवा ने सरकार को और समय देते हुए 19 अप्रैल तक के लिए आगे बढ़ा दिया है। साथ ही इस मामले से जुड़े लोगों को नोटिस देने से इनकार कर दिया है। इससे पहले नई प्रायवेसी पॉलिसी से जुड़े मामले में चीफ जस्टिस डी.एन. पटेल ने इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय को नोटिस जारी किया था। इस मामले में 15 मार्च को सुनवाई होनी है।