आज सेंट स्टीफंस कॉलेज को स्नातक पाठ्यक्रमों में गैर-अल्पसंख्यक सीटों पर दाखिला देते समय दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) की दाखिला नीति का अनुसरण करने और सीयूईटी 2022 के अंकों को 100 प्रतिशत तरजीह देने का दिल्ली उच्च न्यायालय ने निर्देश दिया।
वही, मुख्य न्यायाधीश सतीश चंद्र शर्मा की अध्यक्षता वाली पीठ ने हालांकि कहा कि डीयू “ईसाई समुदाय से संबंधित उम्मीदवारों के दाखिले के लिए एक भी मेरिट सूची तैयार करने पर जोर नहीं दे सकता है, चाहे वे किसी भी संप्रदाय आदि के हों।” न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद की पीठ ने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 30 (1) के तहत अल्पसंख्यक संस्थान को दिया गया मौलिक अधिकार गैर-अल्पसंख्यक सीट पर दाखिले के लिए नहीं दिया जा सकता है।
अल्पसंख्यक संस्थानों को मानदंडों और प्रक्रिया का करना चाहिए पालन
इसी के साथ अदालत ने कहा, “सहायता प्राप्त अल्पसंख्यक संस्थानों को उक्त विश्वविद्यालय के मानदंडों और प्रक्रिया का पालन करना चाहिए। अनुच्छेद 30 (1) के तहत संरक्षण को इस हद तक बढ़ाया जा सकता है, जिससे कि अल्पसंख्यक संस्थान अल्पसंख्यक समुदाय को दिए गए आरक्षण को उप-वर्गीकृत कर सकें।”अदालत का यह आदेश विधि की एक छात्रा और सेंट स्टीफंस कॉलेज द्वारा स्नातक दाखिल याचिकाओं पर आया है।