दिल्ली हाई कोर्ट में सूचना की निगरानी और रिकॉर्ड करने वाले स्पाइवेयर उपकरणों द्वारा मोबाइल फोन उपयोगकर्ताओं की निजता के हनन से संबंधित एक याचिका दायर हुई है। कोर्ट ने इस याचिका पर केंद्र सरकार से जवाब मांगा है। याचिका में केंद्र को ऐसे स्पाइवेयर की बिक्री, संचालन और विज्ञापन को रोकने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया है।
न्यायमूर्ति वी कामेश्वर राव ने इस मामले में अधिवक्ता डिंपल विवेक की याचिका पर नोटिस जारी किया। न्यायाधीश ने याचिका पर गूगल और कुछ स्पाइवेयर विक्रेताओं से भी जवाब मांगा है। याचिका में दलील दी गई है कि मोबाइल स्पाइवेयर या मैलवेयर, मोबाइल फोन उपयोगकर्ताओं के लिए एक गंभीर खतरा है। याचिका में कहा गया है कि महिलाएं अवैध स्पाइवेयर की प्राथमिक शिकार हैं, जो ‘‘अत्यधिक व्यक्तिगत जानकारी जैसे कि स्थान की जानकारी, कॉल, फोटो और कैमरा की निगरानी करने में सक्षम है।’’
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इसमें दावा किया गया है कि कुछ स्पाइवेयर, जो ‘स्टील्थ मोड’ पर चलते हैं और जिनका पता लगाना या हटाना मुश्किल है, बिना किसी प्रतिबंध या नियंत्रण के बड़े पैमाने पर जनता को बेचे या उनके लाइसेंस दिए जा रहे हैं और इससे दुरुपयोग होने की आशंका है। मामले की अगली सुनवाई की तिथि नौ मार्च तय की गई।