Delhi News: कोर्ट ने कहा- नकली दवाओं का खतरा हत्या या आतंकवाद से कम गंभीर नहीं - Latest News In Hindi, Breaking News In Hindi, ताजा ख़बरें, Daily News In Hindi

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Delhi News: कोर्ट ने कहा- नकली दवाओं का खतरा हत्या या आतंकवाद से कम गंभीर नहीं

दिल्ली की एक अदालत ने मरीजों को कैंसर की नकली दवा आपूर्ति करने के आरोपी एक व्यक्ति को जमानत देने से इनकार करते हुए कहा कि नकली दवाओं का खतरा हत्या या आतंकवाद से कम गंभीर अपराध नहीं है।

दिल्ली की एक अदालत ने मरीजों को कैंसर की नकली दवा आपूर्ति करने के आरोपी एक व्यक्ति को जमानत देने से इनकार करते हुए कहा कि नकली दवाओं का खतरा हत्या या आतंकवाद से कम गंभीर अपराध नहीं है।विशेष न्यायाधीश शैलेंद्र मलिक ने एकांश वर्मा को जमानत देने से इनकार करते हुए यह टिप्पणी की, जिसे मरीजों को कैंसर की नकली जीवन रक्षक दवाओं की बिक्री और आपूर्ति में कथित संलिप्तता के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।न्यायाधीश ने कहा, ‘‘नकली दवाओं के खतरे को किसी भी मायने में हत्या या यहां तक कि आतंकवाद जैसे अपराध से कम गंभीर नहीं माना जा सकता है। केवल पैसे कमाने और कैंसर जैसी गंभीर चिकित्सा कठिनाई वाले मरीजों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ करने के लिए नकली दवाओं की आपूर्ति का ऐसा खतरा दिन-ब-दिन बढ़ता जा रहा है।’’
न्यायाधीश ने कहा कि समस्या को हल्के में नहीं लिया जा सकता है और इससे कड़ाई से निपटने की जरूरत है। आरोपी को राहत देने से इनकार करते हुए, न्यायाधीश ने कहा, ‘‘आरोप है कि वह (वर्मा) बांग्लादेश स्थित एक कंपनी की गोली बेच रहा था। कानून के तहत भारत में इसकी आपूर्ति पर प्रतिबंध है। यह तथ्य कैंसर से जूझ रहे मरीजों को नकली दवाएं बेचने और आपूर्ति की बड़ी साजिश का हिस्सा होने के उसके इरादे को बयां करता है।’’उन्होंने कहा कि आरोपी मरीजों को मुख्य आरोपी डॉ पवित्र प्रधान से इलाज कराने के लिए कहता था, जो नकली दवाओं के निर्माण और आपूर्ति करने वाले रैकेट का सरगना था। न्यायाधीश ने कहा, ‘‘इन तथ्यों को ध्यान में रखते हुए जमानत देने का कोई आधार नहीं बनता है। जांच एजेंसी को पूरी निष्ठा और ईमानदारी से मामले की जांच करने के निर्देश के साथ याचिका खारिज की जाती है।’’
आरोपी को 13 नवंबर, 2022 को गिरफ्तार किया गया था। आरोपी ने यह दावा करते हुए जमानत याचिका दायर की थी कि उसने हाल में बी.टेक पूरा किया है और वह हालात का मारा है। आरोपी ने दावा किया कि मामले में उसे फंसाया गया है।अभियोजन पक्ष ने उसकी जमानत याचिका का विरोध करते हुए आरोप लगाया कि आरोपी ने इंदौर स्थित एक कंपनी के जरिए एक लाख गोलियां खरीदी थीं, जो एक सह-आरोपी ने उससे एकत्र किए थे। आरोप लगाया गया है कि वर्मा कैंसर के मरीजों के उपचार के लिए नकली दवाएं खरीदता था और वह मरीजों को इलाज के लिए प्रधान के पास लाता था।

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