दिल्ली दंगा : अदालत ने 17 वर्षीय छात्र को जमानत दी - Latest News In Hindi, Breaking News In Hindi, ताजा ख़बरें, Daily News In Hindi

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दिल्ली दंगा : अदालत ने 17 वर्षीय छात्र को जमानत दी

दिल्ली की एक अदालत ने उत्तर-पूर्वी दिल्ली में फरवरी में हुए सांप्रदायिक दंगे से जुड़े एक मामले में 17 वर्षीय एक छात्र को शनिवार को यह कहते हुए जमानत दे दी कि ऐसा कोई आम गवाह नहीं है जो इस मामले में उसकी भूमिका की गवाही दी हो।

दिल्ली की एक अदालत ने उत्तर-पूर्वी दिल्ली में फरवरी में हुए सांप्रदायिक दंगे से जुड़े एक मामले में 17 वर्षीय एक छात्र को शनिवार को यह कहते हुए जमानत दे दी कि ऐसा कोई आम गवाह नहीं है जो इस मामले में उसकी भूमिका की गवाही दी हो। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अमिताभ रावत ने नाबालिग को उत्तर-पूर्वी दिल्ली के वेलकम इलाके में दंगा से जुड़े मामले में 15000 रूपये के जमानती बांड और उतने के ही मुचलके पर जमानत दी। दंगे के दौरान साजिद नामक एक व्यक्ति के सिर में गोली लगी थी। 
अदालत ने कहा कि नाबालिग के रहस्योद्घान का कोई मतलब नहीं है और 19 अप्रैल को कांस्टेबल पुष्कर ने उसकी पहचान की थी, वह कोई ठोस सबूत नहीं है। अदालत ने अपने आदेश में कहा, ‘‘ऐसा कोई आम गवाह नहीं है जो इस मामले में उसकी भूमिका की गवाही दी हो। रहस्योद्घाटन, जिसका कोई मतलब नहीं है, के अलावा कांस्टेबल पुष्कर का बयान है जिसने आवेदक/आरोपी की 25 फरवरी 2020 की घटना में एक दंगाई के रूप में पहचाना था। लेकिन 25 फरवरी, 2020 की घटना के लिए पुलिस कर्मी द्वारा 19 अप्रैल,2020 को दिया गया बयान ठोस सबूत नहीं है।’’ 
अदालत ने कहा कि साजिद ने भी अपने बयान में आरोपी की पहचान या उसका नाम नहीं लिया। उसने 17 वर्षीय आरोपी को सबूतों के छेड़छाड़ नहीं करने या उसकी अनुमति के बगैर दिल्ली से बाहर नहीं जाने का आदेश दिया। सुनवाई के दौरान आरेापी के वकील अब्दुल गफ्फार ने कहा कि इस मामले में उसे गलत तरीके से फंसाया गया है और उसका तो नाम भी प्राथमिकी में नहीं है। उनके अनुसार आरोपी के विरूद्ध विश्वसनीय सबूत नहीं है। 
पुलिस की ओर पेश अतिरिक्त सरकारी वकील सलीम अहमद ने जमानत अर्जी का विरोध किया और कहा कि नाबालिग को दंगे से जुड़े अन्य मामले में पकड़ा गया है और उसने इस मामले में अपनी संलिप्तता के बारे में खुलासा किया है। संशोधित नागरिकता कानून के समर्थकों और विरोधियों के बीच हिंसा के बाद 24 फरवरी को उत्तर-पूर्वी दिल्ली में सांप्रदायिक संघर्ष छिड़ गया था। उसमें कम से कम 53 लोग मारे गये थे और करीब 200 घायल हुए थे। 

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