दिल्ली पुलिस के एक निहत्थे हेड-कांस्टेबल पर 2020 के सांप्रदायिक दंगों के दौरान पिस्तौल तानने के आरोपी शाहरुख पठान ने हत्या की कोशिश के मामले में यहां की एक अदालत से जमानत मांगी है। पठान हिंसा के दौरान हेड-कांस्टेबल दीपक दहिया पर पिस्तौल तानने और रोहित शुक्ला नामक व्यक्ति की हत्या की कोशिश के दो मामलों में आरोपी है। वह अभी तिहाड़ जेल में बंद है।
जांच की पूरी प्रक्रिया एक ‘‘ढोंग’’
वकील खालिद अख्तर के जरिए दायर जमानत याचिका में पठान ने कहा कि जांच की पूरी प्रक्रिया एक ‘‘ढोंग’’ है क्योंकि पुलिस अधिकारियों ने पीड़ित, गवाह, सबूत और गवाही अपने आप गढ़ी है। अख्तर ने कहा कि पठान को दंगे का ‘पोस्टर ब्वॉय’ दिखाने और मुस्लिमों को मनमाने तथा असंवैधानिक कानून के खिलाफ आवाज उठाने से रोकने के लिए उनके बीच डर पैदा करने के उद्देश्य से यह किया गया।
शाहीन बाग के कथित हमलावर कपिल गुज्जर और शाहरुख खान की भूमिकाओं की तुलना
अदालत में दायर याचिका में पठान ने कहा कि पुलिस ने अन्य मामले में भी उसके खिलाफ ऐसे ही सबूत, गवाह और आरोपों का इस्तेमाल किया है जबकि अपराध के स्थान अलग-अलग हैं। अख्तर ने कहा, ‘‘शाहीन बाग के कथित हमलावर कपिल गुज्जर और शाहरुख खान की भूमिकाओं की तुलना कीजिए। गुज्जर को एक पल में जमानत मिल गई। न्यायपालिका सौतेली मां की तरह बर्ताव नहीं कर सकती।’’
गौरतलब है कि दिल्ली में नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के समर्थकों और विरोधियों के बीच फरवरी 2020 में उत्तर-पूर्वी दिल्ली में दंगे भड़क उठे थे जिनमें कम से कम 53 लोग मारे गए थे और 700 से अधिक घायल हुए थे।