दिल्ली की नवनियुक्त महापौर शैली ओबेरॉय द्वारा शुक्रवार को नगर निगम की एक प्रमुख समिति के छह सदस्यों के चुनाव में एक मत को अवैध घोषित किए जाने के बाद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और आम आदमी पार्टी (आप) के सदस्यों के बीच जमकर हाथापाई हुई और लात-घूंसे चले।
हंगामे के बीच पार्षद अशोक मनु अचेत हो गए और उन्हें नजदीकी अस्पताल ले जाया गया।
आप विधायक आतिशी ने आरोप लगाया कि भाजपा के सदस्य उस वक्त आक्रोशित हो गए और उन्होंने महापौर पर हमला कर दिया जब उन्हें यह आभास हुआ कि उनकी पार्टी चुनाव हार जाएगी।
महापौर ने पत्रकारों से कहा, ‘आज एक काला दिन है। आज संविधान का मजाक उड़ाया गया। हमने भाजपा पार्षदों को बुलाया और उनकी मांगों के बारे में पूछा और हमने फिर से चुनाव करवाया, लेकिन फिर भी उन्होंने मुझ पर हमला किया।’
उन्होंने बताया कि सभी मतपत्रों को फाड़ दिया गया है। फिलहाल, स्थायी समिति के सदस्यों का पुन: चुनाव 27 फरवरी को होगा।
भाजपा और आप दोनों ने इस घटना के लिए एक-दूसरे को जिम्मेदार ठहराया जिसके कारण महापौर को सदन की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी।
वहीं, भाजपा पार्षद पंकज लूथरा ने आरोप लगाया कि यह ‘आप’ की गलती थी जिससे बवाल हुआ। पंकज, स्थायी समिति चुनाव में एक उम्मीदवार हैं।
स्थायी समिति के छह सदस्यों के लिए चुनाव प्रक्रिया सुबह करीब 11 बजे शुरू हुई और दोपहर 2:30 बजे संपन्न हुई।
चुनाव संपन्न होने के दस मिनट बाद मतगणना शुरू हुई। जो दो घंटे से अधिक समय तक चली। महापौर शैली ओबेरॉय ने सदस्यों से कहा कि परिणाम अवैध वोट के बिना घोषित किया जाएगा। जिसका भाजपा सदस्यों ने विरोध किया।
इसके बाद सदन में हंगामा शुरू हो गया और भाजपा व आप के पार्षद भिड़ गए।