राजधानी दिल्ली में पिछले दिनों भीषण ठंड हो रही थी, लेकिन अब शीतलहर का प्रकोप कुछ कम होता दिखाई दे रहा है।साथ ही बृहस्पतिवार रात को बूंदाबांदी के आसार है। बता दें कि अधिकांश स्थानों पर न्यूनतम तापमान सामान्य से कम रहा। भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने यह जानकारी दी।
आपको बता दें कि आईएमडी के मुताबिक शहर में बृहस्पतिवार रात हल्की बारिश हो सकती है।दिल्ली के प्राथमिक मौसम विज्ञान केंद्र सफदरजंग वेधशाला में न्यूनतम तापमान सामान्य से दो डिग्री कम 5.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।
न्यूनतम तापमान 2.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज
दिल्ली में इस महीने दूसरी बार शीतलहर का दौर देखा गया और बुधवार को न्यूनतम तापमान 2.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। मंगलवार को यहां न्यूनतम तापमान 2.4 डिग्री सेल्सियस और सोमवार को 1.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था।आईएमडी की वेबसाइट पर उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, दिल्ली में जनवरी में अब तक आठ दिन शीत लहर का प्रकोप देखा गया है, जो बीते 12 वर्षों में जनवरी के महीने में सबसे अधिक है।
2020 में सात दिन चली थी शीतलहर
दिल्ली में जनवरी 2020 में सात दिन शीतलहर चली थी, पिछले साल एक भी ऐसा दिन दर्ज नहीं किया गया।आईएमडी के अनुसार, दिल्ली में पांच से नौ जनवरी तक भीषण शीतलहर चली जो एक दशक में इस महीने में प्रचंड शीतलहर की दूसरी सबसे लंबी अवधि रही। अभी तक इस महीने 50 घंटे तक घना कोहरा दर्ज किया गया जो 2019 के बाद से सबसे अधिक है।
मौसम प्रणाली को पश्चिमी विक्षोभ कहा जाता है
भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने सोमवार को बताया था कि दो पश्चिमी विक्षोभों के प्रभाव के चलते बृहस्पतिवार अथवा शुक्रवार से शीतलहर का प्रकोप थम जाएगा।पश्चिम एशिया से गर्म नम हवाओं वाली एक मौसम प्रणाली को पश्चिमी विक्षोभ कहा जाता है। जब एक पश्चिमी विक्षोभ क्षेत्र में आता है, तो हवा की दिशा बदल जाती है। पहाड़ों से आने वाली सर्द उत्तर-पश्चिमी हवाएं चलनी बंद हो जाती हैं जिससे तापमान बढ़ता है।दिल्ली में बृहस्पतिवार रात हल्की बारिश व बूंदाबांदी हो सकती है।
बारिश होने और ओले गिरने का पूर्वानुमान है
पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव में 23-24 जनवरी को दिल्ली सहित उत्तर-पश्चिम भारत में 50 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलने के साथ ही हल्की से मध्यम बारिश होने और ओले गिरने का पूर्वानुमान है।दिल्ली में सर्दी के मौसम में अभी तक बारिश नहीं हुई है।मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार, ऐसा नवंबर और दिसंबर में मजबूत पश्चिमी विक्षोभ की कमी के कारण हुआ।पिछले साल जनवरी में शहर में 82.2 मिमी बारिश दर्ज की गई थी, जो 1901 के बाद से इस महीने में सबसे अधिक थी।