नई दिल्ली : आखिरकार दिल्ली की आबो-हवा बिगड़ गई। एजेंसियों ने एहतियाती उपाय लागू करने में देरी कर दी। जिसके कारण दिल्ली की आबो-हवा जहरीली हो गई है। रविवार को दिल्ली की एयर क्वालिटी इंडेक्स 300 के आसपास रही। मिनिस्ट्री ऑफ अर्थ एंड साइंस के सिस्टम ऑफ एयर क्वालिटी एंड वेदर फोरकास्टिंग एंड रिसर्च (सफर) के मुताबिक 300 या इससे अधिक को खराब माना जाता है। पीएम 2.5 और पीएम 10 दोनों का ही स्तर खराब रहा।
रिपोर्ट की माने तो आने वाले दिनों में स्थिति और बिगड़ने के आसार हैं। दिल्ली पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड (डीपीसीसी) की रिपोर्ट के मुताबिक दिल्ली के मुंडका इलाके में स्थिति सबसे ज्यादा खराब रही। यहां पर पीएम 10 का स्तर 421 माइक्रोग्राम पर क्यूबिक मीटर दर्ज किया गया। जबकि पीएम 2.5 का स्तर 106 माइक्रोग्राम पर क्यूबिक मीटर रहा। डीपीसीसी के मुताबिक पीएम 10 का मानक 100 और पीएम 2.5 का मानक 60 माइक्रोग्राम पर क्यूबिक मीटर निर्धारित है। इससे साफतौर पर जाहिर होता है कि दिल्ली की आबो-हवा किस कदर जहरीली हो चुकी है। बावजूद इसके नेशनल हाइवे 10 स्थित मुंडका इलाके में मेन हाइवे के दोनों ओर रोड पर लगभग 7 फुट तक मिट्टी की चादर फैली हुई है। लेकिन किसी भी एजेंसी ने इसकी सफाई की ओर ध्यान नहीं दिया है।
लगातार खराब हो रही आबोहवा
वहीं, साउथ एमसीडी ने दावा किया कि दिल्ली में खराब वायु प्रदूषण के मद्देनजर उपाय युद्ध स्तर पर किए जा रहे हैं। साउथ एमसीडी के मुताबिक सड़कों पर छिड़काव के लिए 22 टैंकर किराए पर लिए गए हैं। इस काम के लिए टैंकरों की संख्या बढ़ाकर 62 कर दी गई है। लगभग दो दर्जन स्थानों पर आज छिड़काव किया गया। इन स्थानों में बटला हाउस से ओखला हेड वर्कस, ओखला एसएलएफ, डिफेंस कालोनी, जल विहार लाजपत नगर, सुंदर नगर, भैरो मार्ग, आरके पुरम सेक्टर-1 और 4 शामिल हैं। साथ ही एनबीसीसी को तुरंत प्रभाव से प्रगति मैदान परियोजना पर निर्माण कार्य बंद करने और ईपीसीए की वर्गीकृत- ग्रेडिड कार्य योजना (जीपीए) को लागू करने के लिये कहा गया है।
साउथ एमसीडी ने एनबीसीसी से स्पष्ट तौर पर कहा कि नक्शे की मंजूरी लें या अगर किसी सक्षम एजेंसी से पहले ली गई है तो उसकी प्रति पेश करें। जब तक नक्शे की मंजूरी नहीं मिलती तब तक निर्माण बंद रहेगा बता दें कि साल 2017 के दौरान एनजीटी चेयरपर्सन जस्टिस स्वतंत्र कुमार की अगुवाई वाली बेंच ने दिल्ली सरकार को यह भी निर्देश दिया था कि जब भी राजधानी में पीएम 2.5 और पीएम 10 का लेवल 300-500 तक पहुंचे तो स्कूलों में छुट्टी की जाए।