कृषि कानून : दिल्ली की सीमाओं पर कड़ाके की ठंड में किसानों का 22वें दिन प्रदर्शन जारी - Latest News In Hindi, Breaking News In Hindi, ताजा ख़बरें, Daily News In Hindi

लोकसभा चुनाव 2024

पहला चरण - 19 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

102 सीट

दूसरा चरण - 26 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

89 सीट

तीसरा चरण - 7 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

94 सीट

चौथा चरण - 13 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

96 सीट

पांचवां चरण - 20 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

49 सीट

छठा चरण - 25 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

सातवां चरण - 1 जून

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

दूसरा चरण - 26 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

89 सीट

कृषि कानून : दिल्ली की सीमाओं पर कड़ाके की ठंड में किसानों का 22वें दिन प्रदर्शन जारी

नये कृषि कानून के विरोध में किसानों का आंदोलन गुरुवार को 22वें दिन जारी है। दिल्ली की सीमाओं पर कड़ाके की ठंड में किसान डटे हुए है।

नये कृषि कानून के विरोध में किसानों का आंदोलन गुरुवार को 22वें दिन जारी है। दिल्ली की सीमाओं पर कड़ाके की ठंड में किसान डटे हुए है। किसान तीन नये कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग कर रहे हैं। प्रदर्शनकारी किसान संगठनों के नेता कहते हैं कि जब तक सरकार उनकी मांगें नहीं मानेगी तब तक उनका आंदोलन जारी रहेगा। 
1608189002 kisan 34
पंजाब में भारतीय किसान यूनियन (लाखोवाल) के जनरल सेक्रेटरी हरिंदर सिंह लाखोवाल ने कहा कि आज (गुरुवार) किसान संगठनों के नेताओं की फिर बैठक होने जा रही है जिसमें आंदोलन को लेकर सुप्रीम कोर्ट के सुझावों समेत आगे की रणनीति पर विचार-विमर्श किया जाएगा। 
1608189109 kisan 4केंद्र सरकार द्वारा लागू जिन तीन नये कानूनों को किसान संगठनों के नेता निरस्त करवाने की मांग कर रहे हैं। उनमें कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) कानून 2020, कृषक (सशक्तीकरण एवं संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा करार कानून 2020 और आवश्यक वस्तु (संशोधन) कानून 2020 शामिल हैं। 
1608189314 kisan aandolan 3
हालांकि किसानों की मांगों की फेहरिस्त लंबी है। किसान संगठनों के नेता न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर सारी अधिसूचित फसलों की खरीद की गारंटी के लिए नया कानून बनाने की मांग भी कर रहे हैं जबकि सरकार ने एमएसपी पर फसलों की खरीद की मौजूदा व्यवस्था जारी रखने के लिए लिखित तौर पर आश्वासन देने की बात कही है। इसके अलावा, उनकी मांगों में पराली दहन से जुड़े अध्यादेश में कठोर दंड और जुर्माने के प्रावधानों को समाप्त करने और बिजली (संशोधन) विधेयक को वापस लेने की मांग भी शामिल है। 
1608189165 kisan 67
बता दें कि सरकार ने नये कृषि कानूनों में संशोधन करने और किसानों की अन्य मांगों पर विचार करने के आश्वासन के साथ किसानों को नौ दिसंबर को ही प्रस्ताव भेजा था जिसे प्रदर्शनकारी किसान संगठनों ने नकार दिया था। उसके बाद से सरकार की ओर से लगातार कहा जा रहा है कि किसान संगठनों के नेताओं से सरकार किसानों के मसले पर बातचीत के लिए हमेशा तैयार है। मगर, किसान नेताओं का कहना है कि सरकार के जिस प्रस्ताव को उन्होंने ठुकरा दिया है उस पर बातचीत नहीं हो सकती है। 

राजस्थान : पैदल चल रहे युवक पर भरभरा कर गिरा ईंटों का खंभा, गंभीर रूप से हुआ घायल

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

sixteen − one =

पंजाब केसरी एक हिंदी भाषा का समाचार पत्र है जो भारत में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के कई केंद्रों से प्रकाशित होता है।