देश कि राजधानी दिल्ली के शाहीन बाग में बीते दो महीने से संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिकता पंजी (एनआरसी) के खिलाफ कर रहे प्रदर्शनकारियों के एक वर्ग ने शनिवार को कहा कि वे नये नागरिकता कानून को लेकर अपनी चिंताएं व्यक्त करने के लिये केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मिलने के लिये तैयार हैं लेकिन बातचीत के लिये बुलाना सरकार का दायित्व है।
हालांकि, गृह मंत्रालय के अधकारियों ने कहा है कि संशोधित नागरिकता कानून के विरोध से संबंधित मुद्दों पर चर्चा के लिए शाह से मुलाकात या बातचीत करने के लिए किसी की ओर से कोई अनुरोध नहीं आया है। शाहीन बाग में बीते दो महीने से सीएए, एनआरसी और एनपीआर के खिलाफ प्रदर्शन चल रहा है।
प्रदर्शनकारियों में अधिकतर महिलाएं हैं। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि यह प्रदर्शन ‘‘नेता विहीन’’ है और यह गृह मंत्री पर निर्भर करता है कि वह बातचीत के लिये किन्हें बुलाना चाहते हैं। प्रदर्शन स्थल पर मंच से एक वक्ता ने भी इस संबंध में घोषणा की। शाहीन बाग के आयोजकों में से एक सैयद अहमद तासीर ने कहा, ‘‘हम गृह मंत्री से मिलने को तैयार हैं, लेकिन उन्हें यह स्पष्ट करना चाहिये कि वे कितने लोगों से मिलना चाहते हैं।’’
नियमित रूप से प्रदर्शन में हिस्सा लेने आ रही मेहरुन्निसा ने कहा कि प्रदर्शनकारी रविवार को गृह मंत्री के आवास की ओर मार्च करेंगे। उन्होंने कहा, ”हम उनसे सीएए-एनआरसी-एनपीआर को वापस लेने के लिये कहेंगे।” मेहरुन्निसा ने कहा कि जब तक हमारी मांग पूरी नहीं हो जाती तब तक प्रदर्शन जारी रहेगा।
उन्होंने कहा कि प्रदर्शनकारी रविवार को गृह मंत्री के आवास तक मार्च करेंगे । उन्हेांने कहा, ‘‘हम उनसे संशोधित नागरिकता कानून, प्रस्तावित राष्ट्रीय नागरिक पंजी एवं राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर वापस लेने की मांग करेंगे।’’ गौरलतब है कि इस सप्ताह की शुरुआत में एक समाचार चैनल से बातचीत के दौरान शाह ने कहा था जो व्यक्ति सीएए से संबंधित मुद्दों पर चर्चा करना चाहता है, वह उनके कार्यालय से समय मांग सकता है। उसे तीन दिन के भीतर मिलने का समय दिया जाएगा।