दिल्लीवासियों को बारिश के कारण चिलचिलाती गर्मी से तो राहत मिली है, साथ ही साथ प्रदेश में डेंगू (Dengue) और मलेरिया (Malaria) फैलने का खतरा भी बढ़ गया है। इस बीच दिल्ली नगर निगम (MCD) ने कड़ाई दिखाते हुए घरों, कार्यालयों और निर्माण स्थलों पर मच्छरों का लार्वा पाए जाने पर दोगुना जुर्माना वसूलने का ऐलान किया है। दरअसल, मानसून का मौसम मच्छरों के प्रजनन के लिए एकदम अनुकूल समय होता है। देश की राजधानी दिल्ली में अबतक डेंगू के 130 से ज्यादा मामलों की पुष्टि हुई है।
नए स्लैब के मुताबिक जानिए जुर्माने की नई दरें
नए स्लैब के मुताबिक 1,000 वर्ग मीटर से अधिक के निर्माण स्थलों पर प्रजनन के लिए 1 लाख रुपये तक का जुर्माना लगाया जाएगा। इसी तरह 500 से 1,000 वर्ग मीटर के निर्माण स्थलों के लिए 20,000 रुपये का जुर्माना लगेगा। 100 से 500 वर्ग मीटर के लिए 10,000 रुपये कर दिया गया है। 100 वर्ग फुट से कम माप वालों के लिए जुर्माना 2,000 रुपये हो गया है। वहीं आवासीय क्षेत्रों के लिए जुर्माना 100 रुपये प्रति कंटेनर और कमर्शियल ऑफिस और शैक्षणिक संस्थानों के लिए यह जुर्माना 200 रुपये हो गया है।
2017 के बाद से जुर्माने की दरों में नहीं हुआ था बदलाव
बता दें कि पिछले साल दिल्ली में डेंगू के लगभग 10,000 मामले सामने आए थे, जिसमें 23 मौतें शामिल थीं। यह आंकड़ा पिछले 5-6 साल में सबसे ज्यादा है। एमसीडी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि 2017 के बाद से नगर निकाय द्वारा मच्छरों के प्रजनन के लिए जुर्माने में संशोधन नहीं किया गया था और इस साल पूर्व दक्षिण एमसीडी ने कुछ संशोधन किए थे। उन्होंने कहा, “हमने इन परिवर्तनों के बाद अब दिल्ली भर में लागू होने वाली इन दरों के साथ समानता बना ली है।”
MCD अधिकारी ने बताई जुर्माने में इजाफे की वजह
एमसीडी अधिकारी ने कहा, “जुर्माने में संशोधन यह सुनिश्चित करने के लिए किया गया है कि लोग नियमों का पालन करें और अपने परिसर में मच्छरों को पनपने न दें।” दक्षिणी दिल्ली में एक निर्माण कंपनी पर 1 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है। उन्होंने कहा कि निगम द्वारा यह कार्रवाई तब की गई जब निर्माण स्थल पर बड़ी संख्या में मच्छर पनपते पाए गए और उनकी रोकथाम और विनाश के संबंध में कोई कार्रवाई नहीं की गई है।
कई जगहों पर लगाया गया है जुर्माना
कड़कड़डूमा में एक अन्य निर्माण स्थल पर भी हाल ही में 50,000 का जुर्माना लगाया गया है। अधिकारी ने कहा कि खिचड़ीपुर में निर्माण करने वाली दो कंपनियों और एक कड़कड़डूमा पर मच्छर प्रजनन के लिए 10,000 रुपये का जुर्माना लगाया गया है। निगम ने पिछले साल मच्छरों के प्रजनन के 27,399 मामलों में अभियोजन शुरू किया था।
राष्ट्रीय राजधानी में इस साल अब तक डेंगू के 130 से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं। वेक्टर जनित रोगों के मामले आमतौर पर जुलाई और नवंबर के बीच रिपोर्ट किए जाते हैं, लेकिन अब यह अवधि दिसंबर के मध्य तक बढ़ सकती है। नगर निगम के अधिकारियों ने कहा कि इस साल की शुरुआत में मच्छरों के प्रजनन के लिए अनुकूल मौसम के कारण डेंगू के मामले दर्ज किए गए।