दक्षिणी दिल्ली : राजधानी की सड़कों पर कॉकटेल और रफ्तार का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है। आमतौर पर इस रफ्तार में आम लोग अपनी जिंदगी गवां रहे थे लेकिन अब दिल्ली पुलिस के जवान भी इसमें सुरक्षित नहीं हैं। ताजा मामले में गुरुग्राम को पार्टी से लौट रहे एक युवक ने द्वारका-कापसहेड़ा अंडरपास पर पिकेट लगाकर वाहनों की जांच कर रहे पुलिसकर्मी के रुकने के इशारा देख कार की रफ्तार और भी बढ़ा दी। बेलगाम कार बैरिकेड को टक्कर मारते हुए मौके से फरार हो गई।
उधर बैरिकेड उड़कर वहां पर तैनात हेड कांस्टेबल पर जा गिरा। इसमें हेड कांस्टेबल बुरी तरह घायल होकर वहीं पर गिर पड़े। अन्य पुलिसकर्मियों ने उन्हें द्वारका के वेंकटेश्वर अस्पताल में भर्ती कराया जहां डॉक्टरों ने हेड कांस्टेबल को मृत घोषित कर दिया। मृतक हेड कांस्टेबल की पहचान गुलजारी लाल (53) के रूप में हुई है। सूचना के बाद पहुंची द्वारका सेक्टर-23 थाना पुलिस ने विभिन्न धाराओं के तहत केस दर्ज कर आरोपी को मंगलवार दोपहर उसके घर से गिरफ्तार कर लिया है।
आरोपी की पहचान नागेश कपूर(33) के रूप में हुई है। नागेश ने एमबीए की पढ़ाई कर रखी है। फिलहाल वह मायापुरी स्थित हर्ले डेविसन शोरूम में बतौर अकाउंटेंट हैं। गुलजारी लाल(53) द्वारका सेक्टर-23 थाने में हेड कांस्टेबल पद पर तैनात थे। गुलजारी लाल 1990 में दिल्ली पुलिस में शामिल हुए थे। गुलजारी लाल अपनी पत्नी मुन्नी देवी, दो बेटा अनिल और अतुल व बेटी पूजा के साथ नजफगढ़ इलाके में रहते थे। फिलहाल बेटी पूजा मेघालय में केंद्रीय विद्यालय में शिक्षक पद पर कार्यरत हैं।
सोमवार रात गुलजारी लाल की ड्यूटी हेड कांस्टेबल प्रकाश, श्रीराम और होमगार्ड बबलू के साथ द्वारका सेक्टर-21 के अंडरपास पर लगाई गई थी। तीनों पुलिसकर्मी और बबलू दोनों तरफ सड़कों पर बैरिकेड लगाकर वाहनों की जांच कर रहे थे। देर रात करीब 1 बजे प्रकाश ने कापसहेड़ा से द्वारका की ओर आने वाली सड़क पर तेज रफ्तार कारों को आते देख रुकने का इशारा किया। आगे चल रही कार ने पुलिस के बैरिकेड को टक्कर मारते हुए गाड़ी की रफ्तार तेज कर वहां से फरार हो गया।
हेड कांस्टेबल को दिया गया गार्ड ऑफ ऑनर
पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम कराने के बाद परिजनों को सौंप दिया। इसके बाद परिजन उनके शव को अंतिम संस्कार के लिए उनके पैतृक गांव कोठपुलती, अलवर, राजस्थान लेकर गए। यहां अंतिम संस्कार के दौरान द्वारका जिला पुलिस के अन्य अधिकारियों ने उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया। वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने परिवार की हर संभव मदद का आश्वासन दिया है।
महज 12 घंटे बाद आरोपी गिरफ्तार
पुलिस उपायुक्त अंटो अलफोंस ने बताया कि रात में ही आरोपी को पकड़ने के लिए एक टीम का गठन किया गया। उन्होंने बताया कि इस केस में उनके पास कोई क्लू नहीं था। इस केस को सुलझाने में द्वारका के रेजिडेंट वेलफेयर ने बहुत साथ दिया। पुलिस टीम ने द्वारका के आरडब्ल्यूए के व्हाट्एसग्रुप पर हादसे की जानकारी दी। इसमें लोगों से किसी भी डैमेज कार के बारे में जानकारी देने की अपील की गई।
साथ ही आसपास मौजूद सभी कार गैराज, मैकेनिक और अपने मुखबिरों को अलर्ट करने के बाद सभी अस्पतालों में घायल मरीज के पहुंचने पर पुलिस को सूचना देने के लिए कहा गया। मंगलवार सुबह 10 बजे पोचनपुर गांव से एक कार मैकेनिक ने पुलिस को सूचना दी कि एक बलेनो कार के वर्कशॉप के पास खाली जगह पर खड़ी है। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर गाड़ी को जब्त की और उसके मालिक की तलाश शुरू कर दी।
गुरुग्राम पार्टी कर लौट रहा था आरोपी
कार का पता चलते ही आरोपी को घर से ही दबोच लिया गया। आरोपी की पहचान नागेश कपूर (33) के रूप में हुई है। नागेश मूलरूप से साहरनपुर, यूपी का रहने वाला है और दिल्ली में अपने परिवार के साथ द्वारका सेक्टर 23 स्थित गोपी अपार्टमेंट में दूसरी मंजिल के फ्लेट नंबर-201 में अपने परिवार के साथ रहता है। नागेश एमबीए कर मायापुरी के हार्ले डेविसन शोरूम में अकाउंटेंट पद पर कार्यरत है। पुलिस पूछताछ में आरोपी ने अपना जुर्म कबूल करते हुए बताया कि वह गुरुग्राम से अपने दोस्तों के साथ पार्टी कर वापस घर लौट रहा था। पुलिस ने जब उसे रोका तो वह घबरा गया था। इस दौरान भागने के चक्कर में उसकी गाड़ी बैरिकेड से टकरा गई।
बेटी की विदाई के पहले भगवान को प्यारे हुए गुलजारी लाल… हेड कांस्टेबल गुलजारी लाल अपने पीछे पत्नी और तीन बच्चों को छोड़ गए। बच्चों में सबसे छोटी बेटी पूजा (23) की केंद्रीय विद्यालय में बतौर शिक्षक की नौकरी होने से सारा परिवार खुश था। फिलहाल पूजा की पोस्टिंग मेघालय में है। बेटा अनिल(27) और अतुल(24) प्रतियोगिता परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं। बड़ा बेटा अनिल को पैर में पोलियो मारा हुआ है। इस कारण गुलजारी लाल को अनिल की ज्यादा फ्रिक रहती थी।
बेटी की नौकरी पर लगते ही उन्होंने कई जगह शादी की बात कर रखी थी। इसके लिए वह कई लड़के देख रहे थे। लड़की की शादी करने के बाद वह बड़े लड़के अनिल की शादी करने की सोच रहे थे। वहीं उनकी पत्नी मुन्नी देवी की तबीयत खराब होना बताया गया है। अब बच्चों की जिम्मेवारी उनके बड़े भाई के जिम्मे है। गुलजारी लाल के बड़े भाई गांव से तहसीलदार पद से रिटायर हुए हैं। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि हेड कांस्टेबल गुलजारी लाल वर्ष 1990 में दिल्ली पुलिस ज्वाइन किया था।