नई दिल्ली : कांग्रेस वर्किंग कमेटी (सीडब्ल्यूसी) की बैठक को लेकर कांग्रेसियों की धड़कने तेज हो गई हैं। खास कर दिल्ली के कांग्रेसी ज्यादा बेचैन दिख रहे हैं। कल यानी की शनिवार को अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) में राष्ट्रीय अध्यक्ष के लिए सीडब्ल्यूसी की बैठक होनी है। लोकसभा चुनाव 2019 में हार का मुंह देखने के बाद राहुल गांधी ने अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था, कांग्रेसियों के लाख मनाने के बाद भी वह अपने फैसले से पीछे हटने के लिए तैयार नहीं है।
अब नए अध्यक्ष के लिए कल सीडब्ल्यूसी की बैठक निर्धारित कर दी गई है। दिल्ली के कांग्रेसी इस बैठक पर नजरे गढ़ाए बैठे हैं। दिल्ली कांग्रेसियों इस बात को लेकर अधिक बेचैन है क्योंकि हाल ही में शीला दीक्षित के निधन के साथ ही प्रदेश अध्यक्ष का पद खाली हो गया है। पद खाली होते ही इस पद लेकर दिल्ली के नेताओं की लॉबिंग भी शुरू हो गई, लेकिन राष्ट्रीय अध्यक्ष नहीं होने के कारण प्रदेश अध्यक्ष की बात बस चर्चा में बनी रही। दिल्ली के आधा दर्जन वरिष्ठ नेताओं के अलावा नवजोत सिंह सिद्धू, शत्रुघ्न सिन्हा का नाम भी अध्यक्ष पद के लिए उछला। वैसे एक और नया नाम कीर्ति आजाद का नाम भी सामने आया है।
दिल्ली के नेताओं में जेपी अग्रवाल, अजय माकन, अरविंदर सिंह लवली, महाबल मिश्रा, राजेश लिलोठिया और संदीप दीक्षित के नाम चर्चा में है। इसके अलावा शीला दीक्षित ने प्रदेश ब्लॉक समितियों को भंग कर दिया था, जिसको कांग्रेस का एक गुट अभी भी रि-स्टोर कराने के लिए जीतोड़ कोशिश में हैं। कांग्रेसियों को उम्मीद है कि सीडब्ल्यूसी की बैठक के बाद दिल्ली के प्रदेश अध्यक्ष के लिए भी कवायद शुरू हो जाएगी।
दिल्ली प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष की घोषणा अब 15 अगस्त के बाद ही हो पाएगी। कांग्रेसियों में बेचैनी इस बात को लेकर है कि राष्ट्रीय अध्यक्ष पर ही दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष का नाम का दामोदार होगा। प्रदेश कांग्रेस के दोनों गुट चाहते हैं कि उनके चाहते नेता राष्ट्रीय अध्यक्ष बने ताकी दिल्ली के अध्यक्ष के लिए लॉबिंग ठीक ढंग से हो सके।