पूर्वी दिल्ली में नागरिकता कानून के खिलाफ हो रही हिंसा को लेकर गृह मंत्रालय ने मंगलवार को एक बैठक की। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने उत्तर पूर्वी दिल्ली में हिंसा के बाद राजधानी में हालात पर चर्चा करने के लिए यह बैठक बुलाई। सीएए और एनआरसी को लेकर भड़की हिंसा उत्तर पूर्वी दिल्ली में तीसरे दिन भी लगातार जारी है। इन इलाकों में सुबह से ही पथराव हो रहा है।
अलग अलग स्थानों पर हुई हिंसा में एक हैड कॉन्स्टेबल सहित सात लोगों की मौत हो गई और 60 से अधिक लोग घायल हुए हैं। गृह मंत्रालय के इस बैठक में उप राज्यपाल अनिल बैजल, मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, दिल्ली के पुलिस आयुक्त अमूल्य पटनायक, कांग्रेस नेता सुभाष चोपड़ा, भाजपा के नेता मनोज तिवारी और रामवीर बिधूड़ी शामिल हुए। केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला, खुफिया ब्यूरो के निदेशक अरविंद कुमार भी बैठक में मौजूद थे।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इस बैठक में नफरत फैलाने वाले मुद्दों, पुलिस-विधायकों के समन्वय, पर्याप्त बल की तैनाती और अफवाहों को नियंत्रित करने पर मुख्य रूप से चर्चा की गई। इस बैठक में शामिल होने के बाद मुख्यमंत्री केजरीवाल ने कहा हर कोई चाहता है कि हिंसा को रोका जाए। गृह मंत्री ने आज बैठक बुलाई थी, यह सकारात्मक था।
यह निर्णय लिया गया कि सभी राजनीतिक दल यह सुनिश्चित करेंगे कि हमारे शहर में शांति आए। उन्होंने कहा कि अगर सेना को बुलाने की जरूरत हुई तो मुझे उम्मीद है कि यह जरूर होगा लेकिन अभी पुलिस द्वारा कार्रवाई की जा रही है। गृह मंत्री के साथ बैठक के दौरान हमें आश्वासन दिया गया है कि आवश्यकतानुसार पर्याप्त संख्या में पुलिस कर्मियों को तैनात किया जाएगा।
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बता दें कि इससे पहले शाह ने राष्ट्रीय राजधानी में कानून व्यवस्था की स्थिति की समीक्षा के लिए सोमवार रात को भी एक बैठक की थी। उत्तर पूर्वी दिल्ली में नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) को लेकर भड़की हिंसा में एक हेड कांस्टेबल समेत सात लोगों की मौत हो गई। हिंसा में 60 से अधिक लोग घायल हो गए जिनमें अर्द्धसैन्य एवं दिल्ली पुलिस के कई कर्मी भी शामिल हैं। प्रदर्शनकारियों ने घरों, दुकानों, वाहनों और एक पेट्रोप पंप में आग लगा दी थी।