दिल्ली सरकार द्वारा सर गंगाराम अस्पताल के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराए जाने पर दिल्ली मेडिकल एसोसिएशन (डीएमए) ने आपत्ति जताते हुए इसकी निंदा की है। वहीं एफआईआर से नाराज अस्पताल के डॉक्टरों ने भी विरोध किया। दरअसल, दिल्ली सरकार ने अस्पताल के खिलाफ कोरोना टेस्ट से जुड़ी गाइडलाइन के उल्लंघन मामले में यह कार्रवाई की है।
एसोसिएशन ने कहा है कि दिल्ली के सीएम जिस तरह से कोरोना के मरीजों को भर्ती करने और टेस्ट को लेकर डॉक्टरों को चेतावनी दे रहे हैं, अस्पतालों को धमकी दे रहे हैं, हम उसकी निंदा करते हैं। सर गंगा राम अस्पताल पर की गई एफआईआर पूरी तरह से निंदनीय है और पूरी मेडिकल स्टाफ के लिए हतोत्साहित करने वाला है।
एसोसिएशन ने कहा , ‘इस महामारी के समय में डॉक्टर पिछले दो महीनों से दिल्ली के लोगों की सेवा कर रहे हैं। डॉक्टर अपनी जान जोखिम में डालकर सेवा करे हैं और जिस तरह से उनके साथ पेश आया जा रहा है इससे वे अपमानित महसूस कर रहे हैं।’ बयान में कहा गया है, “अस्पताल स्वास्थ्य सेवा की रीढ़ हैं और रोगियों की सेवा कर रहे हैं। उन्हें दंडित किया जा रहा है और सरकार उनके प्रयासों की प्रशंसा करने के बजाय रोज नए डिक्टेट जारी कर रही है।”
दरअसल, दिल्ली सरकार ने कोरोना वायरस की जांच के लिए सैंपलों को एकत्र करने के मामले में आरटी-पीसीआर एप का इस्तेमाल नहीं करने और महामारी एक्ट के तहत जारी गाइडलाइंस का उल्लंघन करने के मामले में अस्पताल के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है। सेंट्रल जिले के राजेंद्र नगर थाने में आईपीसी की धारा 188 (सरकारी कर्मचारी के निर्देशों की अवमानना करने) में यह एफआईआर शुक्रवार शाम को दर्ज की गई।