बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने शनिवार को कहा कि डॉक्टरों और इंजीनियरों की नियुक्ति अंक के आधार पर होगी और उसके लिए कोई लिखित परीक्षा या साक्षात्कार नहीं होगा। उन्होंने बिहार इंजीनियरिंग सर्विस एसोसिएशन द्वारा भारत रत्न एम विश्वेशररैया की 157 वीं जयंती पर ‘अभियंता दिवस’ कार्यक्रम को संबोधित करते हुए यह बात कही।
उन्होंने कहा, ”डॉक्टरों और इंजीनियरों की नियुक्ति बिहार तकनीकी सेवा आयोग द्वारा अंक के आधार पर की जाएगी। राज्य में डॉक्टर और इंजीनियर नियुक्त करने के लिए कोई लिखित परीक्षा या साक्षात्कार नहीं लिया जाएगा।” सुशील मोदी ने कहा कि जब तक नियमित नियुक्तियां नहीं हो जाती हैं तब तक अनुबंध पर नियुक्त ऐसे कर्मियों को प्रति वर्ष नवीकरण कराने की जरूरत नहीं होगी। अनुबंधित कर्मियों को भी नियमित कर्मियों की तरह अर्जित, आकस्मिक एवं मातृत्व अवकाश और सभी तरह की सुविधाएं मिलेंगी।
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उन्होंने कहा कि अनुबंधित कर्मियों को उम्र की छूट और अनुभव का लाभ दिया जायेगा। बिहार के मेडिकल, इंजीनियरिंग कॉलेजों से उत्तीर्ण छात्रों को नियुक्ति में 50 प्रतिशत आरक्षण का लाभ मिलेगा। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि बड़ी-बड़ी मांगों के पहुंचने के कारण बिहार लोक सेवा आयोग को भर्ती प्रक्रिया में विलंब हो जाती है। ऐसे में सरकार ने नियुक्ति प्रक्रिया को तेजी से पूरा करने के लिए बिहार तकनीकी सेवा आयोग बनाया है जैसा कि उसने अलग अलग आयोग बनाकर विश्वविद्यालयों में शिक्षकों और पुलिसकर्मियों की भर्तियों के मामले में किया।