दिल्ली परिवहन निगम (डीटीसी) की इलेक्ट्रिक बसों के डिपो राष्ट्रीय राजधानी में तैयार हो रहे हैं। यह इलेक्ट्रिक बसें 2022 की शुरुआत से शहर की सड़कों पर चलते दिखेंगे। आधिकारिक सूत्रों की माने तो डिपो बनाने में अभी तीन महीने से अधिक का समय लग सकता है। वहीं दूसरी तरफ कोविड के चलते जो बसें सितंबर-अक्तूबर में आनी शुरू होनी थी अब वह नवंबर तक मिलने की उम्मीद है।
डीटीसी के प्रबंध निदेशक, आशीष कुंद्रा ने नवनिर्मित डिपो की दो तस्वीरें कैप्शन के साथ साझा कीं, जिसमें लिखा था, हैशटैग दिल्ली में इलेक्ट्रिक बसों के लिए डिपो तैयार हो रहे हैं! सार्वजनिक परिवहन बदलने के लिए तैयार है। दिल्ली कैबिनेट ने मार्च में केंद्र की ‘फास्टर एडॉप्शन एंड मैन्युफैक्च रिंग ऑफ हाइब्रिड एंड इलेक्ट्रिक व्हीकल्स इन इंडिया (एफएएमई) फेज-2’ स्कीम के तहत डीटीसी द्वारा 300 लो-फ्लोर फुली इलेक्ट्रिक एयर कंडीशन्ड बसों को शामिल करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी।
Depots for #electricbuses getting ready in #Delhi ! Public transport set to change pic.twitter.com/ppHMjSrxxe
— Ashish Kundra (@ashishkundra) October 7, 2021
डीटीसी के उप मुख्य महाप्रबंधक (यातायात और जनसंपर्क), रविंदर सिंह मिन्हास ने बताया था कि दिल्ली को जनवरी से अपनी पहली 300 ई-बसें मिलनी शुरू हो जाएंगी। फेम योजना के तहत बसें एक बार चार्ज करने पर कम से कम 140 किलोमीटर की दूरी तय कर सकेंगी। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, इन बसों को डीटीसी द्वारा नियंत्रित किया जाएगा और निजी संस्थाओं द्वारा संचालित किया जाएगा। इस व्यवस्था के तहत, परिचालक चालक उपलब्ध कराएगा और डीटीसी बसों में अपने स्वयं के कंडक्टर की प्रतिनियुक्ति करेगा।
अगस्त 2020 में, दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी को 2021 के अंत तक 2,000 इलेक्ट्रिक बसें मिलेंगी। हालांकि, कुछ महीने पहले, बुनियादी ढांचे की कमी को इसके रोलआउट में देरी के कारण के रूप में बताया गया था। दिल्ली और केंद्र सरकार दोनों जलवायु परिवर्तन के कारण पर्यावरणीय समस्याओं की भविष्य की चुनौतियों से बेहतर तरीके से निपटने के लिए परिवहन के हरित और टिकाऊ साधन को सक्रिय रूप से बढ़ावा दे रहे हैं।