नई दिल्ली : दिल्ली सरकार ने पिछले चार साल में शिक्षा, स्वास्थ्य और दिल्लीवासियों की जिंदगी को बदलने में क्रांतिकारी काम किए। यह कहना है उपराज्यपाल अनिल बैजल का। गुरुवार को बजट सत्र के पहले दिन अभिभाषण के दौरान एलजी ने कहा कि दिल्ली का सकल राज्य घरेलू उत्पाद 12 फीसदी की दर से वर्ष 2018-19 में 779652 करोड़ रुपये हो गया है। दिल्लीवासियों की प्रतिव्यक्ति आय 365529 रुपये रहने का अनुमान जो बिते वर्ष के मुकाबले 11 फीसदी अधिक है।
एलजी अनिल बैजल ने कहा कि सरकार ने लोगों के जीवन को सुधारने के लिए कई महत्वपूर्ण फैसले लिए। इन फैसलों के तहत दिल्ली की शिक्षा व्यवस्था को सुधारा। यहां सरकारी स्कूलों की संख्या बढ़ाने की दिशा में काम किया गया, स्कूलों में अतिरिक्त कक्षाएं बनाई गई। 149 सर्वोदय विद्यालयों में नर्सरी कक्षाएं शुरू किए जाने से बच्चों को फायदा हुआ। 9 राष्ट्रीय प्रतिभा विकास विद्यालय को अपग्रेड किया गया। स्कूलों में पुस्ताकालयों की व्यवस्था की गई।
मिशन बुनियाद की मदद से बच्चों को बढ़ने के लायक बनाया गया। दिल्ली के कॉलेजों को अपग्रेड किया गया। उन्हें बेहतर सुविधाएं दी गई। उन्होंने कहा कि सरकार स्वास्थ्य क्षेत्र में बेहतर काम कर रही है। मौजूदा अस्पताल, सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल में सुधार कर रही है। दिल्ली में 10 हजार अतिरिक्त बिस्तर बढ़ाने की दिशा में काम किया जा रहा है। बुराड़ी, अंबेडकर नगर व द्वारका में अस्पतालों का निर्माण जारी है जबकि 17 अन्य अस्पतालों में बिस्तरों की संख्या बढ़ाई जा रही है। उन्होंने कहा कि दिल्ली में सभी को मुफ्त दवाई सहित अन्य सुविधाएं दी जा रही है।
समाज कल्याण में बेहतर कार्य
दिल्ली सरकार ने समाज कल्याण के क्षेत्र में बेहतर कार्य करते हुए पेंशन राशि को बढ़ाया। इससे बुर्जुगों व जरूरतमंद लोगों को राहत मिली। वहीं सरकार ने बुर्जुगों के लिए मुख्यमंत्री तीर्थयात्रा योजना शुरू की। शहीद हुए पुलिस बल व अर्धसैनिकों को एक करोड़ रुपये देने की योजना तैयार की। एसटी-एससी समुह के लिए बेहतर योजनाएं बनाई।
सब को मिलेगा पक्का घर
दिल्ली के जेजे कलस्टर में रहने वाले सभी परिवारों को पांच किमी के दायरे में पक्का मकान उपलब्ध करवाया जाएगा। दिल्ली सरकार 750 झुग्गी बस्तियों के लिए योजना तैयार कर विशेष रूप से काम कर रही है।
सस्ती बिजली, मुफ्त पानी
सरकार दिल्लीवासियों को सस्ती बिजली के साथ मुफ्त पानी की सुविधा उपलब्ध करवा रही है। पानी की उपलब्धता बढ़ाने के लिए कई योजनाएं बनाई। जलाशयों का जीर्णोद्वार किया। वहीं सीवर की समस्या खत्म कर ट्रीट पानी से भूमिगत जल स्तर को बढ़ाने के दिशा में प्रयास शुरू किया गया।