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दिल्ली की परिवहन व्यवस्था में सुधार के लिए कार्बन उत्सर्जन 5 मिलियन टन तक घटाने का प्रयास

दिल्ली की परिवहन व्यवस्था में सुधार के जरिए राजधानी के प्रदूषण स्तर को भी कम करने का प्रयास किया जा रहा है।

दिल्ली की परिवहन व्यवस्था में सुधार के जरिए राजधानी के प्रदूषण स्तर को भी कम करने का प्रयास किया जा रहा है। दिल्ली सरकार का मानना है कि परिवहन व्यवस्था और ट्रैफिक जाम की स्थिति में सुधार कर वायु प्रदूषण फैलाने वाले पीएम 10 और पीएम 2.5 जैसे हानिकारक कणों में 5 मिलियन टन तक की कमी लाई जा सकती है। दिल्ली की सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था और इलेक्ट्रिक व्हीकल नीति इस दिशा में काफी महत्वपूर्ण साबित हो सकती है। इलेक्ट्रिक व्हीकल नीति 2024 तक इलेक्ट्रिक वाहन 25 फीसदी करने पर केंद्रित है। जबकि अभी तक यह संख्या महज 0.2 फीसदी है। इलेक्ट्रिक वाहनों के बदलाव के लिए उठाए जाने वाले आवश्यक कदमों की स्पष्टता ने सरकार को फैसले लेने में सक्षम बनाया है। दिल्ली डायलॉग एंड डेवलपमेंट कमिशन के उपाध्यक्ष जस्मीन शाह ने कहा, दिल्ली की इलेक्ट्रिक व्हीकल नीति से 2024 तक कार्बन उत्सर्जन में 4.8 मिलियन टन की कमी आएगी। 
वहीं सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था को प्रभावी बनाने के लिए दिल्ली सरकार ने डीटीसी के बेड़े में 1000 लो फ्लोर एसी बसें शामिल कर रही है। बसों की नई फ्लीट का उपयोग दक्षिण, मध्य और पूर्वी दिल्ली में लगने वाले ट्रैफिक जाम को कम करने के लिए भी किया जाएगा। यहां ऐसे मार्गों को चिन्हित किया जाएगा जहां सार्वजनिक परिवहन प्रणाली को मजबूत करने की आवश्यकता है। सरकार के इस कदम से न केवल यहां ट्रैफिक जाम की समस्या का समाधान होगा बल्कि ट्रैफिक जाम के कारण होने वाले प्रदूषण में भी कमी आएगी। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा, दिल्ली सरकार विश्व स्तर की सार्वजनिक परिवहन प्रणाली बनाकर प्रदूषण मुक्त दिल्ली के लिए प्रतिबद्ध है। 
दिल्ली सरकार ने आधिकारिक जानकारी देते हुए कहा, यदि केवल लाल बत्ती पर ही वाहन चालक अपने वाहनों को बंद कर दें तो ऐसा करने से 1.5 लाख टन, पीएम 10 प्रदूषण कम हो जाएगा। पीएम 2.5 की बात करें तो इसमें भी 0.4 टन की कमी आएगी। सभी दिल्ली सरकार सार्वजनिक परिवहन प्रणाली से जुड़े वाहन चालकों को इसके लिए प्रशिक्षित करेगी। डीटीसी के बेड़े में 12 साल के बाद नई बसें जुड़ने जा रही हैं। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि सभी बसें 20 सितंबर तक सड़क पर आ जाएंगी। डीटीसी के बेड़े में अब कुल बसों की संख्या अभी तक के उच्चतम स्तर 7693 पर पहुंच जाएगी। पिछले 2 वर्षों में दिल्ली के बस बेड़े में 1681 नई बसें शामिल हुईं हैं। यह बसें बीएस -6 मानक अनुपालित, वातानुकूलित बसें रियल-टाइम यात्री सूचना प्रणाली, सीसीटीवी, पैनिक बटन, जीपीएस और अन्य सुविधाओं से लैस होंगी। 

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