भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण(यूआईडीएआई) ने बृहस्पतिवार को कहा कि लाभार्थी आधार सत्यापन के जरिये माइक्रो एटीएम से एलपीजी सब्सिडी और अन्य सरकारी भुगतान निकालना जारी रख सकते हैं।
आधार के इस्तेमाल को लेकर उच्चतम न्यायालय के फैसले से जुड़ी कानूनी राय में कहा गया है कि बैंक सरकारी योजनाओं के लाभार्थियों को आधार आधारित भुगतान प्रणाली (एईपीएस) की सुविधा देना जारी रख सकते हैं।
भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (एनपीसीआई) द्वारा विकसित एईपीएस एक भुगतान सेवा है। इसके जरिये वित्तीय संस्थाएं आधार संख्या एवं उसके प्रमाणन के माध्यम से वित्तीय लेनदेन की सेवा उपलब्ध कराती हैं।
आधार ई-केवाईसी ‘निर्गम योजना’ सौंपने के लिये और समय की मांग
आधार जारी करने वाले यूआईडीएआई ने बयान जारी कर कहा है, “कानूनी सलाह लेने के बाद यूआईडीएआई ने बैंकों को एईपीएस सुविधा का निर्बाध इस्तेमाल जारी रखने को कहा है क्योंकि इस तरह की लेनदेन प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी) योजना के अंतर्गत आता है, जहां आधार का इस्तेमाल किया जा सकता है।”
बयान में कहा गया है, “एईपीएस सुदूर ग्रामीण इलाकों में रहने वाले लोगों के लिए काफी मददगार साबित होता है। पहल और उज्ज्वला योजना के करीब 14 करोड़ लाभार्थियों को हर महीने बैंक खाते में गैस सिलेंडर की सब्सिडी प्राप्त होती है।”