नये कृषि कानून के विरोध में सड़कों पर उतरे किसान संगठनों का प्रदर्शन रविवार को भी जारी है। देश की राजधानी दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे पंजाब और हरियाणा के किसानों के साथ उत्तर प्रदेश व अन्य प्रांतों के किसान भी जुड़ गए हैं। सिंघू और टिकरी बॉर्डर पर हजारों की संख्या में किसान ट्रकों, ट्रैक्टरों और अन्य वाहनों में पहुंचे हैं और पानी की बौछारों तथा आंसू गैस के गोले का सामना करते हुए तीन दिनों से वहां जमे हुए हैं। काफी संख्या में पुलिसकर्मियों के पहुंचने के बावजूद कई किसानों का कहना है कि वे बुराड़ी के संत निरंकारी मैदान में नहीं जाएंगे जहां उन्हें शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने की अनुमति दी गई है।
सड़क पर एक और रात बिताने के लिए तैयार कुछ किसानों का कहना है कि वे रविवार को होने वाली महत्वपूर्ण बैठक का इंतजार करेंगे जिसमें आगे की रूपरेखा तय होगी। भारतीय किसान यूनियन काडिया के जालंधर इकाई के अध्यक्ष बलजीत सिंह महल ने कहा, ‘‘रविवार सुबह 11 बजे एक और बैठक होगी। तब तक हम सिंघू पर ही रहेंगे।’’ भारतीय किसान यूनियन (राजेवाला) के अध्यक्ष बलबीर सिंह राजेवाला ने बताया, ‘‘हमने अभी तक बुराड़ी मैदान में जाने का निर्णय नहीं किया है। शाम में हम बैठक करेंगे जिसमें आगे की रूपरेखा तय की जाएगी।’’
पंजाब के सबसे बड़े किसान संगठनों में एक भारतीय किसान यूनियन (एकता-उगराहां) भी बुराड़ी नहीं जाने पर सहमत हो गया। धड़े के नेताओं ने दावा किया कि एक लाख से अधिक किसान ट्रैक्टर-ट्रॉलियों, बसों और अन्य वाहनों में राष्ट्रीय राजधानी की तरफ मार्च कर रहे हैं। पंजाब से राजधानी में प्रवेश करने के मुख्य बिंदु सिंघू और टिकरी बॉर्डर पर किसानों की संख्या काफी बढ़ गई है।
टिकरी बॉर्डर पर शुक्रवार की शाम से ही धरना दे रहे सुखविंदर सिंह ने कहा, ‘‘हम यहां प्रदर्शन करना जारी रखेंगे। हम यहां से नहीं हटेंगे। हरियाणा के कई अन्य किसान भी हमारे साथ आने वाले हैं। वे रास्ते में हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हम जंतर-मंतर पर जाना चाहते हैं और वहां शांतिपूर्ण प्रदर्शन करना चाहते हैं। बैठकें हो रही हैं और अगला निर्णय होने तक हम यहां बॉर्डर पर शांतिपूर्ण तरीके से प्रशर्दन करना जारी रखेंगे।’’ टिकरी पर एक अन्य किसान जगतार सिंह भागीवंदर ने कहा कि समूहों को अलग-थलग करने का प्रयास किया जा रहा है।
किसान लंबे समय तक जमे रहने के लिए तैयार होकर आए हैं, उनके वाहनों में राशन, बर्तन, कंबल लदे हुए हैं और उन्होंने फोन चार्ज करने के लिए चार्जर भी साथ रखा हुआ है। एक प्रदर्शनकारी किसान ने कहा, ‘‘केंद्र जब तक नए कृषि कानूनों को समाप्त नहीं करता है तब तक हम नहीं लौटेंगे।’’
उत्तरप्रदेश के कुछ किसान गाजीपुर बॉर्डर पर इकट्ठा हुए हैं और वे भी प्रदर्शन में शामिल होने के लिए तैयार हैं। उत्तरप्रदेश के अन्य स्थानों पर भी किसान प्रदर्शन कर रहे हैं। झांसी-मिर्जापुर राष्ट्रीय राजमार्ग पर कुलपहाड़ में 500 से अधिक किसान धरने पर बैठे हैं और कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग कर रहे हैं।
हालांकि कई समूहों ने बुराड़ी जाने से इंकार कर दिया है लेकिन सैकड़ों किसान वहां पहुंचे हैं। सरकार ने उन्हें बुराड़ी में प्रदर्शन करने की अनुमति दी है। संयुक्त पुलिस आयुक्त (उत्तरी रेंज) सुरेंद्र सिंह यादव ने संवाददाताओं से कहा कि करीब 600 से 700 किसान बुराड़ी पहुंचे हैं।