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दिल्ली के जलजमाव वाले क्षेत्रों का ड्रोन से पता लगायें : अदालत

पीठ ने कहा, ‘‘हमें यह कहने में कोई हिचक नहीं हो रही है कि सभी विभागों को एक दूसरे का सहयोग करना चाहिए ताकि आने वाले मानसून में लोगों को किसी प्रकार की कठिनाई नहीं हो ।’’

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में मानसून के दौरान यातायात जाम की समस्या से निपटने के लिए दिल्ली उच्च न्यायालय ने ड्रोन का इस्तेमाल करने का सुझाव दिया है ताकि अधिकारियों को उन जगहों की पहचान करने में आसानी हो सके जहां जल जमाव हो रहा है। दिल्ली उच्च न्यालाय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति जी एस सिस्तानी एवं न्यायमूर्ति ज्योति सिंह की पीठ ने एक नियंत्रण कक्ष स्थापित करने की सलाह दी ताकि यातायात जाम और जल जमाव की जानकारी तत्काल दी जा सके और जल्द से जल्द इसके समाधान के लिए उचित कदम उठाया जा सके । 
उच्च न्यायालय की पीठ ने यह भी कहा कि एक तरफ जल जमाव है और दूसरी ओर पानी का जबरदस्त अभाव है । पीठ ने कहा, ‘‘ऐसा हम कहते हैं, ताकि विभाग इस पहलू पर गौर कर सकें और उन स्थलों के पास वर्षा जल संचयन पर विचार कर सके, जहां पानी का जमाव और संग्रह होता है ।’’ अदालत ने कहा कि इससे दो काम होंगे, एक तो यह कि इलाके में जल जमाव की दिक्कत नहीं होगी और दूसरा, इससे भूमिगत जल स्तर को बढ़ाने में सुविधा मिलेगी। 
पीठ ने कहा, ‘‘हमें यह कहने में कोई हिचक नहीं हो रही है कि सभी विभागों को एक दूसरे का सहयोग करना चाहिए ताकि आने वाले मानसून में लोगों को किसी प्रकार की कठिनाई नहीं हो ।’’ उच्च न्यायालय ने दिल्ली की आम आदमी पार्टी की सरकार को 24 जुलाई को होने वाली अगली सुनवाई से पहले स्थिति रिपोर्ट जमा कराने को कहा है । सुनवाई के दौरान, दिल्ली सरकार के अतिरिक्त स्थायी अधिवक्ता गौतम नारायण ने एक स्थिति रिपोर्ट पेश की जिसमें कहा गया कि उन्होंने जल जमाव वाले समस्याग्रस्त क्षेत्रों की पहचान की है और प्रस्तावित दीर्घकालिक और अल्पकालिक उपायों पर प्रकाश डाला गया है। 
अदालत ने कहा, ‘‘हमें सूचित किया गया है कि अधिकतर स्थानों पर पानी पंप लगा दिए गए है जबकि बाकी स्थानों पर जल्दी ही लगाएं जाएंगे । हमें यह भी बताया गया है कि अतीत में पानी के ये पंप प्रभावी नहीं थे क्योंकि गाद निकालने का काम पूरा नहीं हुआ था । अधिवक्ता ने यह माना कि उन्हें उम्मीद है कि इस साल यह समस्या नहीं होगी क्योंकि नालों से गाद निकालने का काम पहले की कर लिया गया है और जल को नालों में बहाया जाएगा ।’’ 
उच्च न्यायालय ने अधिकारियों से यह सुनिश्चित करने के लिए भी कहा कि मानसून के मौसम में हर दिन ऑपरेटरों द्वारा पंपों की देख रेख की जाए और जिस समय पानी एकत्र होना शुरू होता है, पंपों को तत्काल इस्तेमाल में लाना चाहिए ताकि जल जमाव न हो और नागरिकों को ट्रैफिक जाम से असुविधा न हो। 

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