नई दिल्ली : दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने निर्भया मामले के चारों दोषियों मुकेश, अक्षय, विनय शर्मा और पवन गुप्ता के खिलाफ डेथ वारंट जारी करते हुए आगामी 22 जनवरी को सुबह 7 बजे फांसी तय की है। तिहाड़ जेल प्रशासन के मुताबिक, चारों को तिहाड़ जेल की जेल नंबर-3 में एक साथ फांसी पर लटकाया जाएगा।
इसके लिए चार नया तख्ता तैयार कर लिया गया है। यह पहला मौका होगा कि जब चारों दोषियों को तिहाड़ जेल में एक साथ फांसी पर लटकाया जाएगा। इससे पहले एक साथ दो दोषियों रंगा और बिल्ला को साल 1982 में एक साथ फांसी पर लटकाया गया था।
फांसी को लेकर तैयारी पूरी…
एशिया की अतिसुरक्षित तिहाड़ जेल नंबर-3 में फांसी घर है। फांसी की सजा के बाद कैदियों को पास के अंडाकार सेल में ले जाया जाता है। ताकि फांसी वाले दिन उन कैदियों को आसानी से फांसी घर ले जाकर उसे लटका दिया जाए। इससे पहले इस जेल में अंतिम फांसी आंतकी अफजल गूरू को दिया गया था। निर्भया के चारों दोषियों को एक साथ फांसी देने के लिए यहां पर अलग से चार तख्त बनाए गए है।
फूट-फूट कर रोने लगे दरिंदे
एक तरफ जहां पूरा देश सजा का एलान के बाद खुशियां मना रही है। वहीं दूसरी तरफ तिहाड़ जेल में बंद निर्भया गैंगरेप के चारों दरिंदे फूट-फूटकर रोने लगे। तिहाड़ जेल सूत्रों के मुताबिक सजा सुनने के बाद दोषियों के सिर से ठंड में पसीने छूटने लगे। खबर लिखे जाने तक चारों कैदियों ने खाना तो दूर पानी तक नहीं पिया। हालांकि सूत्र ये भी बताते हैं कि देर रात दोषियों ने पहले के मुताबिक कम खाना खाया।
अफजल गुरु वाली सेल में ट्रांसफर किए गए चारो दोषी
सभी चारों आरोपियों को अफजल गुरू के सेल में ट्रांसफर कर दिया गया है। तिहाड़ जेल के प्रवक्ता व एआईजी राजकुमार ने बताया कि कोर्ट से डेथ वारंट तिहाड़ प्रशासन को मिल चुका है। ऐसे में चारों दोषियों को कोर्ट द्वार दिए गए समय 22 जनवरी को सुबह 7 बजे दे दी जाएगी। तिहाड़ जेल सूत्रों के मुताबिक, जेल नंबर 3 स्थित फांसी घर के पास बने अंडाकार घर के सेल में आतंकी अफजल गुरू को रखा गया था। यहां पर कुल 10 अलग-अलग सेल हैं। ऐसे में पहले से सेल में बंद खुंखार कैदियों को किसी दूसरे सेल में स्थानांतरण कर दिया गया है। यहां से फांसी घर नजदीक है। जब भी किसी कैदी को फांसी दिया जाता है, उसे इस अंडाकार सेल में स्थानांतरण कर दिया जाता है। यह सेल को सुरक्षा के लिहाज से बनाया गया है।
क्या था पूरा मामला…दक्षिणी दिल्ली में 16 दिसंबर, 2012 की रात एक पैरामेडिकल छात्रा से 6 लोगों ने चलती बस में दरिंदगी की थी। गंभीर जख्मों के कारण 26 दिसंबर को सिंगापुर में इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई थी। इस मामले में पवन, अक्षय, विनय और मुकेश को फांसी की सजा सुनाई गई । ट्रायल के दौरान मुख्य दोषी राम सिंह ने तिहाड़ जेल में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। एक अन्य दोषी नाबालिग होने की वजह से 3 साल में सुधार गृह से छूट चुका है।
फांसी की सजा सुनकर नाचने लगे तिहाड़ के कैदी… निर्भया के दोषियों को फांसी की सजा का इंतजार देशवासियों को ही नहीं जेल में बंद अन्य कैदियों को भी था। इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि मंगलवार को जैसे ही कोर्ट का फैसला आया कि निर्भया के दोषी मुकेश, विनय शर्मा, अक्षय सिंह और पवन गुप्ता को 14 दिन बाद 22 जनवरी को फांसी पर लटकाया जाएगा। कोर्ट का फैसला जैसे ही तिहाड़ जेल पहुंचा वहां पर कैद अन्य कैदी खुशी के मारे झूमने लगे। इस दौरान कैदियों के साथ-साथ वहां सुरक्षा में मौजूद जवान भी खुश नजर आ रहे थे। इस दौरान तिहाड़ प्रशासन आपस में बधाई संदेश भी बांट रहे थे।
फिर से बढ़ाई गई सुरक्षा
कोर्ट से फांसी की सजा के आदेश के बाद जेल में बंद निर्भया गैंगरेप के दरिंदों की एक बार से सुरक्षा बढ़ा दी गई है। हालांकि सुरक्षा के लिहाज से उन लोगों को हाई सिक्योरिटी सेल में रखा गया है। उसकी सुरक्षा में दिन-रात 24 घंटे पुलिस की नजर रहती है। इस दौरान उससे दूसरे कैदियों से भी मिलने की इजाजत नहीं है। खान-पान से लेकर नहाने धोने तक के समय सुरक्षाकर्मी तैनात रहते हैं। यहां तक कि रात के वक्त इन दरिंदों को सेल में रोशनी में रखा जाता है। सेल की लाइट बुझाई नहीं जाती है।
‘फैसले से महिलाओं का बढ़ेगा विश्वास’
निर्भया मामले में चारों दोषियों को फांसी 22 जनवरी को सुबह सात बजे फांसी देने का कोर्ट ने आदेश सुनाने के बाद सबसे ज्यादा खुशी उनके माता-पिता को हुआ है। इसके बाद निर्भया की मां आशा देवी ने कहा कि उनकी बेटी के दोषियों को फांसी दिए जाने से कानून में महिलाओं का विश्वास बढ़ेगा। उन्होंने कहा कि दोषियों को सजा मिलने से देश में महिला शक्ति को मजबूती मिलेगी। निर्भया की मां ने कहा कि 22 जनवरी उनके लिए एक बड़ा दिन होगा जब दोषियों को फांसी दी जाएगी।