नई दिल्ली : दिल्ली सरकार में मंत्री कैलाश गहलोत के आवास पर आयकर विभाग के छापे में करोड़ों की बेनामी संपत्ति का खुलासा होने के बाद प्रदेश भाजपा अध्यक्ष मनोज तिवारी ने केजरीवाल सरकार पर जमकर निशाना साधा है। तिवारी ने कहा कि केजरीवाल सरकार दिल्ली के इतिहास में सबसे भ्रष्टतम सरकार है। यह कहना अतिश्योक्ति न होगी कि इस सरकार में मंत्री कैलाश गहलोत एवं सत्येंद्र जैन भ्रष्टाचार में झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा को भी पीछे छोड़ गये। कैलाश गहलोत, सत्येंद्र जैन व असीम अहमद जैसी मंत्रियों के भ्रष्टाचार को देखकर दिल्ली की जनता समझ रही है कि आखिर क्यों केजरीवाल दिल्ली को मजबूत लोकायुक्त देने में आनाकानी करते रहे हैं। तिवारी ने केजरीवाल से अविलंब भ्रष्ट मंत्रियों, कैलाश गहलोत व सत्येंद्र जैन को मंत्रिमंडल से बर्खास्त करने की मांग की है।
तिवारी ने प्रेस कॉन्फेंस के दौरान कहा कि मंत्री कैलाश गहलोत के दो नंबरी व्यापार का काला चिट्ठा बहुत बड़ा है। उन्होंने कहा कि गहलोत के द्वारा लगभग 120 करोड़ रुपये के टैक्स की चोरी के मामले सामने आने के साथ ही दुबई में अघोषित निवेश की भी जानकारी आई है। यही नहीं शेयर एवं बेनामी संपत्ति के मामले भी खुले हैं। अगर हम ध्यान दें तो टैक्स चोरी के लिए अपनाये हथकंडे लगभग वैसे हैं जैसे मंत्री सत्येंद्र जैन के मामले में सामने आये हैं। जैन के मामले की ही तरह कैलाश गहलोत के मामले में भी कार्यालय कर्मियों के नाम पर पैसे की हेराफेरी हुई है। शेयर ट्रांसफर के मामले में भी फर्जीवाड़े दिख रहे हैं, बोगस वसीयत नामों एवं जीपीए के द्वारा संपत्ति एवं अनगिनत आभूषणों की खरीद-फरोख्त का खेल भी खेला गया है। तिवारी ने कहा कि मंत्री कैलाश गहलोत से जुड़ा आयकर घोटाला सामने आ रहा है। वैसे मामले टैक्स चोरी माफिया के घोटाले पकड़े जाने पर सामने आते हैं।
दिल्ली सरकार के मंत्री कैलाश गहलोत से जुड़े 16 परिसरों पर आयकर विभाग का छापा
ऐसा लगता है कि अरविंद केजरीवाल का गैंग हवाला का मास्टर है। सत्ता में आने से पूर्व सीएम केजरीवाल नैतिक मूल्यों की दुहाई देते थे कि मैं भ्रष्ट आचरण वालों को विधानसभा में बैठने नहीं दूंगा पर सीएम बनने के बाद उन्होंने सबसे पहले अपने भ्रष्ट मंत्री असीम अहमद पर भ्रष्टाचार के आरोप लगने पर कोई कार्रवाई नहीं की केवल मंत्रिमंडल से हटाकर दबा दिया। दिल्ली के लिए खरीदी जाने वाली इलेक्ट्रिक बसों के लिए परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत को चीन रवाना होना था। लेकिन छापेमारी अभियान के कारण उन्हें अपना दौरा रद्द करना पड़ गया है। छापेमारी अभियान के दौरान उन्हें 60 घंटे तक अपने घर में ही रहना पड़ा। वहीं आगे की पूछताछ के कारण वह फिलहाल बाहर नहीं जा सकेंगे।