दिल्ली के उपमुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया की चुनौती को स्वीकार करते हुए राज्यसभा सांसद और भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष विजय गोयल ने सिसोदिया को उनके साथ दिल्ली के मुस्तफाबाद स्कूल चलने का निमंत्रण दिया जिससे सिसोदिया जान सकें कि दिल्ली में सरकारी स्कूलों का हाल कितना बुरा है।
गोयल ने कहा कि वास्तविकता यह है कि दिल्ली सरकार के स्कूलों के अंदर पांच लाख बच्चे फेल हो गए हैं जिनमें से चार लाख छात्रों को किसी सरकारी स्कूल में वापस दाखिला तक नहीं दिया गया। क्यों सरकारी स्कूलों में दसवीं कक्षा का हर तीसरा छात्र फेल हो रहा है? नौवीं कक्षा के भी 76,523 छात्र परीक्षा में फेल हो गए। शिक्षा मंत्री सिसोदिया को चुनौती देते हुए विजय गोयल ने छह सवाल पूछे हैं कि सिसोदिया केजरीवाल सरकार के अंतर्गत मुस्तफाबाद स्कूल में कब उनके साथ चलेंगे? तारीख और समय बताएं।
सिसोदिया ने आखिर अपनी चुनौती सिर्फ 10 स्कूलों तक ही सीमित क्यों रखी? इसलिए क्योंकि बाकी के हजार स्कूलों की हालत खस्ता है। दिल्ली सरकार के 10 स्कूलों का चयन कौन करेगा, सिसोदिया या गोयल? क्यों दिल्ली सरकार के स्कूलों से पास हुए छात्रों को दिल्ली विश्वविद्यालय में दाखिला नहीं मिलता है? कितने बच्चों का दाखिला मिलता है, यही बता दीजिये? अगर दिल्ली सरकार के शिक्षा सुधार के दावे सही हैं तो हर साल लाखों सरकारी स्कूलों के बच्चे परीक्षा में क्यों फेल हो रहे हैं?