सरकार ने सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) बैक सीरीज के डाटा को लेकर राजनीतिक स्तर पर हो रही बयानबाजी और मीडिया में आ रही खबरों के बीच बुधवार को स्पष्टीकरण जारी करते हुये कहा कि अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप आर्थिक आंकड़े को अद्यतन करने के लिए जीडीपी बैक सीरीज डाटा जारी किये गये।
इस संबंध में जारी स्पष्टीकरण में कहा गया कि किसी भी अर्थव्यवस्था के लिए जीडीपी का अनुमान बहुत जटिल काम है क्योंकि इसमें कई मानक और तौर तरीके शामिल होते है जो अर्थव्यवस्था के प्रदर्शन का आकलन करते हैं। वैश्विक मानकीकरण और तुलनात्मकता के लिए दुनिया भर के देश संयुक्त राष्ट्र के राष्ट्रीय अकाउंट सिस्टम (एसएनए) का पालन कर रहे हैं।
सरकार ने अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष और विश्व बैंक के इस संबंध में दिशा निर्देशों का भी उल्लेख किया है। इसमें कहा गया है कि राष्ट्रीय अकाउंट सिस्टम का नया संस्करण 2008 का है जो राष्ट्रीय अकाउंट के लिए सबसे नया अंतरराष्ट्रीय सांख्यिकी मानक है। संयुक्त राष्ट्र सांख्यिकी आयोग (यूएनएससी) ने वर्ष 2009 में इसको अपनाया और वर्ष 1993 में जारी राष्ट्रीय अकाउंट सिस्टम का स्थान लिया है। इसी के आधार पर वैश्विक स्तर पर आर्थिक और विकास के आंकड़ तय किये जा रहे हैं।
इसमें कहा गया है कि एसएनए में आधार वर्ष का भी उल्लेख किया गया है जिसमें नियमित अंतराल पर बदलाव किया जाता है ताकि आर्थिक माहौल, शोध के तौर-तरीके और आर्थिक आंकड़ के लिए उचित तरीके से जुटाये जा सके। उसने कहा कि अर्थव्यवस्था में ढांचागत बदलाव आ रहे हैं।
इसके मद्देजनर जीडीपी, औद्योगिक उत्पादन सूचकांक, उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आदि के लिए आधार वर्ष में नियमित अंतरात पर बदलाव करने की जरूरत होती है। सरकार ने कहा कि 30 जनवरी 2015 को जीडीपी के आधार वर्ष को 2004-05 से बदलकर 201।12 किया गया था जो एसएनए 2008 पर आधारित था। सरकार ने वर्ष 2018-19 के लिए जीडीपी के आंकड़ जारी किये जाने की तिथि भी बतायी है और कहा है कि इस संबंध में अंतिम आंकड़ 31 जनवरी 2022 को जारी किया जायेगा।