नई दिल्ली : हर्ष फायरिंग में पूर्व विधायक की गोली लगने से हुई महिला के मौत के मामले में फर्श से खून के दाग सिर्फ पूर्व विधायक की पत्नी ने ही नहीं हटाए थे, बल्कि पूर्व विधायक का भाई भी इस जुर्म में शामिल था। यह खुलासा दिल्ली पुलिस की जांच में हुआ है, जिसके बाद पुलिस ने शनिवार को पूर्व विधायक राजू सिंह के भाई को भी गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी की पहचान राजेश सिंह के रूप में की गई है, जिसको मिलाकर इस मामले में यह पांचवी गिरफ्तारी है।
जिला पुलिस उपायुक्त विजय कुमार ने गिरफ्तारी की पुष्टि करते हुए बताया कि आरोपी से पूछताछ की जा रही है। अभी तक की पूछताछ में महिला अर्चना गुप्ता की मौत राजू सिंह की तरफ से हुई हर्ष फायरिंग में हुई थी, जबकि ड्राइवर हरि सिंह ने सिर्फ हवाई फायर किया था। पुलिस अधिकारियों ने पूछताछ के बारे में बताया कि राजेश की गिरफ्तारी के अलावा पुलिस जेडीयू से पूर्व विधायक व भाजपा नेता राजू सिंह व उसके ड्राइवर हरि सिंह के साथ पूछताछ कर रही है।
पुलिस को आरोपियों से पूछताछ में उनके बयान पर भरोसा नहीं हो रहा है, क्योंकि दोनों आरोपियों के बयान कई जगहों पर अलग अलग है। खासकर घटनाक्रम को बताने में दोनों के बयानों में कुछ विरोधाभास सामने आया है, जिससे पुलिस को उनके ऊपर संदेह हो रहा है। हालांकि अभी इन संदेहों के आधार पर किसी निष्कर्ष पर पहुंचना पुलिस जल्दबाजी बता रही है और कहा जा रहा है कि पुलिस के पास अभी कुछ दिनों का वक्त है, जिसमें दोनों से पूछताछ करके आरोपियों से पूरा राज खंगाला जाएगा।
जल्द किया जाएगा सीन री-क्रिएशन
पुलिस एक बार दोबारा पूर्व विधायक, ड्राइवर व अन्य लोगों के साथ घटनास्थल पर जा सकती है, क्योंकि पुलिस ने अभी तक घटना पर सीनप को री-क्रिएट नहीं किया है। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि अभी तक सीन री-क्रिएशन नहीं किया गया है, लेकिन भविष्य में जल्द ही पुलिस घटनास्थल पर पहुंचकर वारदात को दोहराएगी। इस दौरान आरोपियों के अलावा कुछ चश्मदीदों को भी बुलाया जा सकता है, लेकिन इसकी पुष्टि नहीं की गई है।
नक्सलियों से था खतरा… पुलिस की पूछताछ व जांच में सामने आया है कि आरोपी पूर्व विधायक राजू सिंह के पास से मिला 800 से अधिक जिंदा कारतूस वैध तरीके से खरीदा गया था और राजू सिंह के पास कारतूस संबंधी दस्तावेज उपलब्ध हैं। आरोपी से पूछताछ में सामने आया था कि नक्सलियों से आरोपी को खतरा था, जिसके कारण वह अधिक संख्या में कारतूस रखता था, जबकि सुरक्षा गार्डों के पास भी पिस्टल या राइफल मौजूद होती है।