दिल्ली पर मंडराते जल संकट के लिए हरियाणा सरकार जिम्मेदार, एनडीएमसी व कई इलाकों में बाधित हुई आपूर्ति: राघव - Latest News In Hindi, Breaking News In Hindi, ताजा ख़बरें, Daily News In Hindi

लोकसभा चुनाव 2024

पहला चरण - 19 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

102 सीट

दूसरा चरण - 26 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

89 सीट

तीसरा चरण - 7 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

94 सीट

चौथा चरण - 13 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

96 सीट

पांचवां चरण - 20 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

49 सीट

छठा चरण - 25 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

सातवां चरण - 1 जून

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

दूसरा चरण - 26 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

89 सीट

दिल्ली पर मंडराते जल संकट के लिए हरियाणा सरकार जिम्मेदार, एनडीएमसी व कई इलाकों में बाधित हुई आपूर्ति: राघव

दिल्ली जल बोर्ड के उपाध्यक्ष एवं ‘आप’ विधायक राघव चड्ढा ने कहा है कि दिल्ली के सिर पर मंडरा रहे जल संकट के लिए हरियाणा की खट्टर सरकार पूरी तरह से जिम्मेदार है।

दिल्ली वाले अभी कोरोना वायरस की मार से उबरे भी नहीं है कि एक और परेशानी सिर पर तलवार बनकर मंडराने लगी है। दिल्ली में भयंकर गर्मी ने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए है, ऐसे में दिल्ली में जल संकट का खतरा मंडरा रहा है। दिल्ली वाले इस संकट से जूझ रहे है तो वहीं, इस मुद्दे पर राजनीतिक लड़ाई का दौर शुरू हो गया है।
दिल्ली जल बोर्ड के उपाध्यक्ष एवं ‘आप’ विधायक राघव चड्ढा ने कहा है कि दिल्ली के सिर पर मंडरा रहे जल संकट के लिए हरियाणा की खट्टर सरकार पूरी तरह से जिम्मेदार है। राघव ने कहा कि हरियाणा सरकार के चलते दिल्ली के एनडीएमसी के प्रधानमंत्री निवास, सुप्रीम कोर्ट, राष्ट्रपति भवन व अंतरराष्ट्रीय दूतावास, सेंट्रल दिल्ली, वेस्ट दिल्ली और साउथ दिल्ली के बड़े इलाकों में पानी की आपूर्ति बाधित हुई है।
डीजेबी उपाध्यक्ष ने हरियाणा के सीएम से अपील करते हुए कहा कि दिल्ली वालों का अधिकार मत मारिए। हमारे हक का पानी दे दीजिए, दिल्ली में जल संकट को और न गंभीर बनाइए। दिल्ली जल बोर्ड के उपाध्यक्ष राघव चड्ढा ने कहा कि गर्मी का पीक समय चल रहा है। पूरा उत्तर भारत भीषण गर्मी का सामना कर रहा है। इस बार मानसून में भी थोड़ा देरी है। साथ ही कोरोना महामारी का प्रकोप हम सब पर छाया हुआ है।
इस दौर में पानी कितना महत्वपूर्ण होता है, यह बात हम सभी समझते हैं। दिल्ली एक ऐसा राज्य है, जो किसी वाटर बॉडी के साथ स्थित नहीं है। दिल्ली चारों तरफ से राज्यों से घिरा हुआ है। इसीलिए दिल्ली अपनी जलापूर्ति के लिए पड़ोसी राज्यों पर निर्भर करता है।
दिल्ली जल बोर्ड के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार और मेमोरंडम ऑफ अंडर स्टैंडिंग समेत अन्य कई कानूनी जिम्मेदारियों के तहत हरियाणा को पानी देना होता है। हालांकि हरियाणा 120 एमजीडी कम पानी दे रहा है। इसी के चलते दिल्ली में 100 एमजीडी से अधिक पानी के उत्पादन में कमी आई है।
राघव ने कहा कि चंद्रावल वाटर ट्रीटमेंट प्लांट में पानी का उत्पादन 90 एमजीडी से घटकर 55, वजीराबाद में 135 से घटकर 80 और ओखला में 20 से घटकर 15 एमजीडी हो गया है। जब से हरियाणा ने दिल्ली वालों का अधिकार मारा है, तब से दिल्ली में पानी का उत्पादन 245 एमजीडी से घटकर 150 या 145 एमजीडी हो गया है। अपर यमुना रिवर बोर्ड के निर्देश के बावजूद हरियाणा ने न तो हमें हमारे हक का पानी दिया और न तो 150 क्यूसेक अतिरिक्त पानी दिया है।
राघव चड्ढा ने कहा कि, आज दिल्ली के सिर पर एक बहुत बड़ा जल संकट मंडरा रहा है और उसका दोष किसी राज्य को जाता है, तो वह हरियाणा है। हरियाणा सरकार को कानून के तहत यमुना नदी के जरिए दिल्ली को जितना पानी छोड़ना होता है, हरियाणा ने उस पानी को रोक दिया है।
चड्ढा ने आंकड़ें रखते हुए कहा कि, हरियाणा को दिल्ली के लिए यमुना नदी में जो पानी छोड़ना होता है और उस पानी को हम नदी से उठाकर साफ करते हैं और फिर लोगों के घरों तक मीठा पानी पहुंचाते हैं। हरियाणा ने उस पानी में भारी कटौती कर दी है। जिसके चलते दिल्ली में आज के दिन 100 एमजीडी पानी कम हो गया है और दिल्ली में प्रतिदिन 100 एमजीडी पानी के उत्पादन में गिरावट देखी गई है। हर गर्मियों में दिल्ली की कुल उत्पादन 900 या 920 एमजीडी हुआ करती थी। इस बार दिल्ली जल बोर्ड ने रिकॉर्ड पानी का उत्पादन करते हुए इस आंकड़े को 945 एमजीडी तक पहुंचा दिया है।
जैसे दिल्ली में बिजली की पीक डिमांड आई और दिल्ली सरकार ने उसे पूरा किया। वैसे ही दिल्ली में जब पानी में पीक डिमांड आई, तो हमने 945 एमजीडी तक पानी का उत्पादन कर लोगों के घरों तक पहुंचाया है, लेकिन आज उस आंकड़े में 100 एमजीडी की गिरावट देखी जा रही है। यह इसलिए देखी जा रही है, क्योंकि हरियाणा सरकार ने दिल्ली की खपत के लिए यमुना नदी में छोड़े जाने वाले पानी को रोक लिया है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

thirteen − eleven =

पंजाब केसरी एक हिंदी भाषा का समाचार पत्र है जो भारत में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के कई केंद्रों से प्रकाशित होता है।