दिल्ली जल बोर्ड ने केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत से हरियाणा द्वारा यमुना में लगातार गंदा पानी छोड़ने के मामले में हस्तक्षेप की अपील की है। दिल्ली जल बोर्ड ने एक वीडियो के माध्यम से बताया कि कैसे हरियाणा द्वारा बिना ट्रीट किया गया गंदा पानी छोड़ने से रोहतक एक्स-रेगुलेटर में प्रदूषण बढ़ गया है। दिल्ली जल बोर्ड के उपाध्यक्ष राघव चड्ढा ने कहा, जल बोर्ड लगातार सर्वे करता रहता है।
रोहतक एक्स-रेगुलेटर के हालिया सर्वे में ये पता चला कि वहां का पानी न सिर्फ गंदे हरे रंग का हो गया है, बल्कि उसमें अमोनिया भी 40 पीपीएम तक बढ़ गया है। हम केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेन्द्र शेखावत का ध्यान इस ओर खींचना चाहते हैं। अमोनिया का इतना बढ़ा हुआ स्तर काफी खतरनाक है, जिससे हमें अपने प्लांट भी बंद करने पड़ जाते हैं, जिसका असर दिल्ली की पानी सप्लाई पर भी पड़ता है।
रोहतक एक्स-रेगुलेटर के साथ-साथ दिल्ली जल बोर्ड की टीम ने बरोटा गांव और प्याऊं मनिहारी गांव का दौरा किया और इन दोनों जगहों पर अमोनिया का स्तर 6 पीपीएम और 3 पीपीएम तक था। डीडी-8 से हरियाणा के द्वारा दिल्ली को पानी सप्लाई किया जाता है। चड्ढा ने कहा कि हमारी हरियाणा सरकार से अपील है कि सख्त कदम उठाकर यमुना में बढ़े खतरनाक अमोनिया के स्तर को कम करें।
जल बोर्ड के उपाध्यक्ष ने कहा कि, दिल्ली को अमोनिया फ्री पानी मिलना चाहिए, लेकिन हमने अक्सर देखा है कि हरियाणा सरकार बिना ट्रीट किया पानी यमुना में छोड़ देती है। इससे यमुना में अमोनिया का स्तर काफी बढ़ जाता है, जिससे दिल्ली जल बोर्ड को कई बार अपने प्लांट बंद करने पड़ते हैं। साफ और स्वच्छ पानी हर दिल्लीवासी का हक है।
दिल्ली जल बोर्ड ने आरोप लगाया कि हरियाणा सरकार अपने सीवर ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) और सीईटीपी को भी अक्सर बंद रखती है। अक्सर बिना ट्रीट किया हुआ पानी और सीवेज यमुना में छोड़ते रहते हैं, जिससे यमुना का पानी गंदा होता जाता है और दिल्ली में पानी के साथ भारी मात्रा में अमोनिया पहुंचता है।