नई दिल्ली : उत्तरी नगर निगम के हिंदूराव अस्पताल में रेजिडेंट डॉक्टरों की हड़ताल की वजह से सोमवार को स्वास्थ्य सेवाएं पूरी तरह प्रभावित रहीं। आलम ये रहा इमरजेंसी सेवाओं में मरीजों का इलाज नहीं किया गया। इस दौरान मरीजों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा। वहीं पहले से तय करीब 50 सर्जरी रद्द हो गईं।
हालांकि देर शाम उत्तरी नगर निगम के वरिष्ठ अधिकारियों की ओर से डॉक्टरों की सुरक्षा बढ़ाने के लिखित आश्वासन के बाद डॉक्टरों ने हड़ताल समाप्त कर दी। बता दें कि, शनिवार देर रात एक मरीज के तीमारदारों की ओर से डॉक्टरों की पिटाई से नाराज होकर सोमवार को हड़ताल की गई थी। सोमवार को अस्पताल में लगभग सभी 400 रेजिडेंट डॉक्टर हड़ताल पर रहे।
समय रहते जाग जाता निगम प्रशासन तो टल सकती थी हड़ताल… उत्तरी नगर निगम का स्वास्थ्य विभाग अगर समय रहते ही अपनी नींद से जग गया होता तो सोमवार को डॉक्टरों की हड़ताल नहीं होती। डॉक्टरों की हड़ताल की जानकारी होने के बावजूद उत्तरी नगर निगम के अधिकारी सोमवार का इंतजार करते रहे।
अगर रविवार को ही डॉक्टरों को सुरक्षा का आश्वासन मिल जाता तो सोमवार की हड़ताल टाली जा सकती थी। निगम प्रशासन की लापरवाही के कारण मरीजों को बहुत परेशानी उठानी पड़ी। लिखित में आश्वासन मिलने के बाद सोमवार को डॉक्टरों ने हड़ताल समाप्त कर दी।
डॉक्टरों की सुरक्षा के लिए बनेगी पुलिस चौकी
उत्तरी नगर निगम के प्रशासन का कहना है कि अस्पताल में डॉक्टरों की सुरक्षा के मुद्दे को गंभीरता से लिया गया है। पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों से बात कर अस्पताल में एक पुलिस चौकी स्थापित करने का निर्णय लिया है। इसके अलावा अस्पताल में सुरक्षाकर्मियों की संख्या भी बढ़ाई जाएगी। वहीं डॉक्टरों के खिलाफ मारपीट मामले में एक जांच समिति गठित की है। अगर इस समिति की रिपोर्ट में अस्पताल के सुरक्षा अधिकारियों समेत कोई भी दोषी पाया गया तो उन पर कार्रवाई करेंगे।
तड़पते रहे मरीज, नहीं पसीजा डॉक्टरों का दिल
हिंदू राव अस्पताल में इलाज कराने के लिए दूर-दराज से आए मरीजों को हड़ताल की वजह से काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। इस दौरान अस्पताल परिसर में मरीज दर्द से कराहते रहे, लेकिन किसी भी डॉक्टरों ने उनकी मदद नहीं की। वहीं पहले से अस्पताल भर्ती मरीजों को दोपहर 2 बजे कोई डॉक्टर देखने नहीं गया। अस्पताल में इलाज कराने आई 40 वर्षीय महिला ने कहा कि उसको पिछले दो दिनों से लगातार बुखार आ रहा है, वह हिंदू राव में इलाज कराने आई है, लेकिन किसी भी डॉक्टरों ने उसका इलाज नहीं किया।
महिला की मौत पर हुआ था बवाल
गौरतलब है कि, शनिवार रात राजबाला नामक एक 45 वर्षीय महिला को हिंदूराव अस्पताल में लाया गया था। महिला किडनी की बीमारी से ग्रसित थी। साथ ही उसका काफी दिनों से डायलिसिस भी नहीं हुआ था। भर्ती करने के कुछ घंटे बाद ही रात एक बजे के करीब महिला की मौत गई। इसके बाद महिला के तीमारदारों ने एक जूनियर रेजिडेंट और इंटर्न डॉक्टर के साथ बदसलूकी और मारपीट की। जूनियर डॉक्टर के सिर में चोट आई हैं।