नई दिल्ली : नॉर्थ वेस्ट दिल्ली में चल रहे प्रदूषण फैलाने वाले अवैध उद्योगों पर दिल्ली पॉल्यूशन कंट्रोल कमेटी (डीपीसीसी) ने हाल ही में एनजीटी के समक्ष रिपोर्ट पेश की थी। मामले में पेश की गई एक्शन रिपोर्ट के मुताबिक डिफाॅल्टर का बिजली कनेक्शन काट दिया गया। मुकदमे की पैरवी के साथ-साथ क्षतिपूर्ति का भी आकलन किया गया। इसी कड़ी में बवाना और होलंबी कलां स्थित फैक्ट्रियों का भारी चालान किया गया है।
डीपीसीसी ने बवाना स्थित (बी-108, सेक्टर-2) एसएएस कलर इंपैक्ट का 4 करोड़, 44 लाख 40 हजार का भारी भरकम चालान किया है। साथ ही होलंबी कलां स्थित एक प्लांट का 9.25 करोड़ का चालान किया है। यह प्लांट राइस हस्क का फ्यूल के तौर पर इस्तेमाल कर रहा था। इन फैक्ट्रियों में डीपीसीसी ने जांच के दौरान पाया था कि ये अवैध तौर पर प्रेमिसेज में 4-5 बोरिंग कर 24 घंटे ग्राउंड वाटर का निकासी कर रहे थे।
साथ ही डाइंग केमिकल का भी इस्तेमाल कर रहे थे। इसके अलावा वेस्ट केमिकल को बोरिंग में डाल रहे थे। दरअसल, एनजीटी के समक्ष अर्जी दाखिल कर यह आरोप लगाया गया था कि नॉर्थ वेस्ट दिल्ली में अवैध तौर पर प्रदूषण फैलाने वाले उद्योग धड़ल्ले से चलाए जा रहे हैं।
एनजीटी चेयरपर्सन जस्टिस आदर्श कुमार गोयल की अगुवाई वाली बेंच के समक्ष अर्जी में यह आरोप भी लगाया गया था इन इलाकों में बायो मेडिकल वेस्ट रूल्स 2016 का भी खुलेआम उल्लंघन किया जा रहा है। इस पर एनजीटी ने डीपीसीसी को रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया गया था। डीपीसीसी ने एफिडेविट दाखिल कर एनजीटी को जानकारी दी थी कि इस तरह के उद्योगों पर मॉनिटरिंग कमेटी कार्रवाई करती है।