नई दिल्ली : दिल्ली हाईकोर्ट ने आधार कार्ड को लेकर दायर एक याचिका पर केद्र सरकार और दिल्ली सरकार को नोटिस जारी जवाब मांगा है। याचिका में केंद्र और दिल्ली सरकार को भ्रष्टाचार, काले धन और बेनामी लेनदेन को रोकने के लिए आधार नंबर के साथ नागरिकों की चल-अचल संपत्ति के दस्तावेजों को जोड़ने की मांग की गई है। और हाईकोर्ट को इस संबंध में दिशा निर्देश जारी करने की अपील की गई है।
चीफ जस्टिस डीएन पटेल और जस्टिस सी हरि शंकर की बेंच ने केंद्र और दिल्ली सरकार से जवाब मांगने के साथ ही सुनवाई 15 अक्टूबर तक के लिए स्थगित कर दी। जबकि इसी प्रकार की एक अन्य याचिका पर जिसमें वोटर आईडी को आधार से लिंक करने की मांग की गई है। उस पर चीफ जस्टिस की बेंच ने चुनाव आयोग से उचित फैसला लेने का निर्देश दिया है। बीजेपी प्रवक्ता अश्विनी उपाध्याय ने दो याचिका दाखिल की थी। एक याचिका में उन्होंने कहा था कि सरकार का कर्तव्य है कि भ्रष्टाचार और अवैध तरीकों से बनाई गई बेनामी संपत्तियों पर लगाम लगाने के लिए सरकार की तरफ से जरूरी कदम उठाए जाएं।
वहीं, दूसरी याचिका में उन्होंने चुनाव सुधारों की मांग करते हुए वोटर आइडी कार्ड को आधार कार्ड से जोड़ने की मांग की थी। उनका कहना है कि फर्जी वोट रोकने के लिए आधार कार्ड से वोटर आईडी को जोड़ना चाहिए। हाईकोर्ट ने पहली याचिका पर केंद्र और दिल्ली सरकार से जवाब तलब किया है। जबकि दूसरी याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने चुनाव आयोग से उचित फैसला लेने को कहा है। कोर्ट ने चुनाव आयोग को इसके लिए आठ हफ्ते का समय दिया है। बेंच ने याचिकाकर्ता से कहा कि अगर वह चुनाव आयोग के फैसले से सहमत नहीं होते हैं तो दोबारा अदालत का दरवाजा खटखटा सकते हैं।