समाजसेवी अन्ना हजारे ने कहा कि आने वाली 23 मार्च से दिल्ली में होने वाला आंदोलन उनके जीवन का आखरी आंदोलन होगा। संभल में एक सभा में उन्होंने साफ कहा कि अगर सरकार ने उनकी बातें नहीं मानीं तो आंदोलन में प्राण त्याग दूंगा। अन्ना ने कांग्र्रेस व केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधा। नगर पालिका मैदान में किसान सम्मेलन में उन्होंने कहा कि भारत को आजाद हुए 70 वर्ष हो गए, लेकिन आज भी देश के हालात पहले जैसे हैं।
भारतीय किसान यूनियन के किसान सम्मेलन में अन्ना हजारे ने मंच से 23 मार्च को दिल्ली में आयोजित आंदोलन में किसानों से अधिक से अधिक संख्या में पहुंचने का आहवान किया। उन्होंने कहा कि जो जेल में जाने को तैयार हो वही लोग दिल्ली में आंदोलन में आए। अन्ना ने बताया कि, “ मैं 25 वर्ष की उम्र में देश के हालात को देखकर खुदकशी करना चाहता था। इसके बाद एक किताब पढ़कर देश सेवा में जुटा। 35 वर्ष से आंदोलन कर रहा हूं। ”उन्होंने कहा कि भारत को आजाद हुए 70 वर्ष हो गये हैं, लेकिन देश के हालात पहले जैसे हैं।
सम्मेलन के बाद उन्होंने कहा कि बीजेपी कांग्रेस से ज्यादा खतरनाक है। इससे लोकतंत्र को खतरा है। केंद्र सरकार के कार्य समाज हित में नहीं हैं। किसानों की तरफ ध्यान नहीं दिया जा रहा और उद्योगपतियों को बढ़ाने के प्रयास में सरकार जुटी है, लेकिन अब सरकार के इस खेल को खत्म करना होगा। इसके लिए पूरा देश मेरे साथ 23 मार्च से दिल्ली के रामलीला मैदान में देश का दूसरा सबसे बड़ा आंदोलन करने जा रहा है।
यह मेरे जीवन की अंतिम लड़ाई होगी। देश के किसानों को कर्ज मुक्त बनाने और लोकपाल बिल पारित कराने की लड़ाई लड़ी जाएगी। उन्होंने बताया कि कि जब पहले लोकपाल बिल के लिए देश में आंदोलन हुआ था तो पूरा देश खड़ा हो गया था। एक संगठन बन गया लेकिन इसके बाद में लोगों से मिल नहीं पाया। इससे हमारा संगठन कुछ कमजोर हो गया था। अब फिर से देश के 12 राज्यों में लोगों से मिल चुका हूं। अभी मेरे पास समय है। उससे पहले प्रत्येक राज्य में जाऊंगा। वही उन्होंने कहा कि देश में पिछले 22 साल में 12 लाख किसान आत्महत्या कर चुके है। इन आत्महत्याओं के लिए केंद्र सरकारें जिम्मेदार हैं।
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