दिल्ली शराब नीति मामले में तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव की बेटी के कविता से आज ईडी की पूछताछ होनी थी, जहां उन्होंने पेश होने से इनकार कर दिया है। केंद्रीय एजेंसी को उन्होंने चिट्ठी लिखकर पेश होने की नई तारीख दी और कहा कि ‘मैं यह आपको सुनिश्चित करना चाहती हूं कि मामले में मेरा पूरा सहयोग है।’ के कविता ईडी के सामने 11 मार्च को पेश होंगी। उन्होंने ईडी ईडी को लिखी चिट्ठी में पेश होने के लिए मोहलत मांगी है। वह आज दिल्ली के जंतर मंतर पर ‘महिला आरक्षण बिल’ के समर्थन में एक प्रदर्शन में हिस्सा ले सकती हैं।
आबकारी नीति में गड़बड़ी
दिल्ली आबकारी नीति में गड़बड़ी और मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में ईडी ने बीआरएस नेता कविता को 9 मार्च को पेश होने के लिए कहा था। हालांकि कविता पहले भी ईडी को यह आश्वासन दे चुकी हैं कि वह जांच में पूरा सहयोग करेंगी। इस बीच उन्होंने ईडी को दिए जवाब में यह भी स्पष्ट किया था कि वह पेश होने से पहले अपने कानूनी सलाहकारों से भी बातचीत करेंगी। इसी बीच उन्होंने इस बात का भी जिक्र किया था कि दिल्ली में आगामी 10 तारीख को उनका महिला आरक्षण मामले में दिल्ली में धरना प्रदर्शन है जिसमें उन्हें हिस्सा लेना है।
कारोबारी रामचंद्र पिल्लई के सामने पूछताछ के लिए ईडी ने बुलाया
कवितना को हैदराबाद के कारोबारी रामचंद्र पिल्लई के सामने पूछताछ के लिए ईडी ने बुलाया है। बता दें कि पिल्लई को ईडी सोमवार को गिरफ्तार कर चुकी है। हालांकि बुधवार को कविता ने ईडी पर जमकर हमला बोला और उन्होंने आरोप भी लगाया कि यह उनके पिता के चंद्रशेखर राव के खिलाफ राजनीतिक षडयंत्र है। बता दें कविता तेलंगाना विधान परिषद की सदस्य भी हैं। वहीं बीआरएस पार्टी के कई नेताओं और तेलंगाना के मंत्रियों ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा है और कहा है कि राजनीति द्वेष की वजह से कविता को नोटिस भेजा गया है। बीजेपी, बीआरएस पार्टी के बड़ी पार्टी के रूप में बढ़ने से डर रही है।
केंद्र में मोदी सरकार को बुराई का प्रतीक बताया
तेलंगाना के मंत्रियों ने केंद्र में मोदी सरकार को बुराई का प्रतीक बताया है। पार्टी से विधायक किरण क्रांति ने नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए कहा है कि, ईडी का यह नोटिस मोदी सरकार का राजनीतिक प्रतिशोध है। उन्होंने यह भी कहा कि बीजेपी केंद्रीय जांच एजेंसियों को दुरुपयोग कर रही है। उन्होंने अपने बयान में कहा, ‘यह नोटिस एजेंसी के जरिए जांच की तौर पर नहीं बल्कि राजनीतिक द्वेष के चलते भेजा गया है।’